Tuesday, May 7, 2024
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पाकिस्तानी पिता की जानकारी छुपाई थी आतिश तासीर ने: रद्द हुआ OCI, भारत में प्रवेश पर लगेगी रोक

तासीर को उसके पीआईओ/ओसीआई कार्ड के संबंध में अपना जवाब/आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया गया था, लेकिन उसने इस नोटिस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। उसने इस पर

एक लेखक और पत्रकार है – आतिश तासीर। इसे ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) स्टेटस मिला हुआ था। लेकिन गुरूवार (नवंबर 7, 2019) को यह रद्द कर दिया गया है। कारण है – भारतीय गृह मंत्रालय से जरूरी सूचनाएँ छिपाना। दरअसल, ब्रिटेन में जन्मे लेखक व पत्रकार आतिश अली तासीर ने भारत सरकार से जो जरूरी सूचना छुपाई, वह यह थी कि उसके पिता पाकिस्तानी मूल के थे।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार, तासीर ओसीआई कार्ड के लिए अयोग्य हो गया है, क्योंकि ओसीआई कार्ड के लिए बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में वो असमर्थ रहा। उसने अपने पिता के पाकिस्तानी होने की बात अधिकारियों व सरकारी रिकॉर्ड में छिपाई।

बता दें कि ओसीआई कार्ड के नियम 7A में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या उसके माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी पाकिस्तान, बांग्लादेश या ऐसे देश जो भारत सरकार के आधिकारिक गजट में अनुसूचित हैं, का नागरिक है, तो वह ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड के पंजीकरण के योग्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि तासीर को उसके पीआईओ/ओसीआई कार्ड के संबंध में अपना जवाब/आपत्ति दर्ज करने का अवसर दिया गया था, लेकिन उसने इस नोटिस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। उसने इस पर अपना कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद आतिश अली तासीर का नाम भारतीय नागरिकता कानून, 1955 के तहत ओसीआई कार्ड धारक की सूची से हटा दिया गया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी गुरूवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने धोखे से, फर्जीवाड़ा करके या फिर तथ्य छुपा कर ओसीआई कार्ड हासिल किया है, तो ओसीआई कार्ड धारक के रूप में उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। ओसीआई के मुताबिक उस व्यक्ति का पंजीकरण रद्द करने के साथ ही भविष्य में उसके भारत में प्रवेश करने पर भी रोक लग जाएगी।

आतिश तासीर ने टाइम मैगजीन के 20 मई के संस्करण में एक कवर स्टोरी लिखी थी। इसमें तासीर ने पीएम मोदी को ‘डिवाइडर इन चीफ’ कहते विवादास्पद सवाल किया था- क्या विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र फिर से मोदी को 5 साल का मौका देने को तैयार है? इस लेख में कहा गया था कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पहले से काफी बँट गया है। साथ ही आतिश ने पीएम मोदी पर धार्मिक राष्ट्रवाद का जहर भरने जैसे तमाम आरोप लगाए थे। हास्यास्पद यह है कि द प्रिंट के पत्रकार ने मनगढ़ंत पत्रकारिता करते हुए यह लिख मारा कि आतिश पर सरकार ने एक्शन इसलिए लिया क्योंकि उसने पीएम मोदी के खिलाफ लेख लिखा था।

सरकार द्वारा आतिश के ओसीआई को रद्द किए जाने पर मीडिया हाउस द प्रिंट ने दावा किया कि तासीर के टाइम मैगजीन में इस लेख के लिखने के बाद से ही उसके ओसीआई को रद्द किए जाने पर विचार किया जा रहा था। हालाँकि, विदेश मंत्रालय ने मीडिया हाउस द्वारा फैलाए जा रहे झूठ को पूरी तरह से नकार दिया। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि द प्रिंट की रिपोर्टिंग पूरी तरह से गलत और तथ्यरहित है।

बता दें कि तासीर के पिता सलमान तासीर, पंजाब (पाकिस्तान में) के गवर्नर थे और उस देश के सबसे हाई प्रोफाइल राजनेताओं में से एक थे। तासीर को पहला पीआईओ कार्ड 1999 में और इसके बाद 2016 में जारी किया गया था। इसके अलावा आतिश तासीर के पास ब्रिटिश पासपोर्ट और अमेरिका का ग्रीन कार्ड भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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