उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने प्रयागराज में छात्रों के प्रदर्शन के बाद PCS परीक्षा में ‘वन डे वन शिफ्ट’ बात मान ली है। आयोग ने RO/ARO परीक्षा को लेकर भी कमिटी बना दी। दोनों परीक्षाएँ अब फिलहाल के लिए टल गई हैं। यह दोनों परीक्षाएँ दिसम्बर, 2024 में होनी थी। PCS परीक्षा को पुराने पैटर्न पर करवाने को लेकर आयोग ने सहमति दे दी है। दोनों परीक्षाओं की नई तारीखें अभी सामने नहीं आई हैं। कमिटी की रिपोर्ट के बाद ही अब कुछ स्पष्ट हो सकेगा। अभ्यर्थी इसके बाद भी प्रयागराज में डटे हुए हैं।
क्यों आयोग ने बदला फैसला?
UPPSC ने इससे पहले PCS की प्री परीक्षा और RO/ARO को दो दिनों में आयोजित करने का कार्यक्रम तय किया था। इनमें से PCS परीक्षा 7-8 दिसम्बर को होती जबकि RO/ARO 22-23 दिसम्बर को आयोजित करवाई जाती। आयोग ने परीक्षा को दो दिनों में करवाने के पीछे सेंटर कम मिलने का हवाला दिया था।
आयोग ने यह परीक्षाएँ 41 जिलों में करवाने का फैसला लिया था। उसने कहा था कि अभ्यर्थियों की संख्या भी अधिक है जिस कारण से एक दिन में इन कॉलेज में परीक्षा सम्पन्न नहीं हो सकती, तभी दो बार परीक्षा करवाई जा रही है और जब दो दिन में परीक्षा होगी तो यह नियम लागू ही करना पड़ेगा। ऐसे में अभ्यर्थी इसके विरोध में आ गए।
प्रयागराज में UPPSC के मुख्यालय के बाहर सोमवार (11 नवम्बर, 2024) से हजारों अभ्यर्थियों ने डेरा डाल दिया। उन्होंने माँग की कि यह दोनों ही परीक्षाएँ एक ही दिन में करवाई जाए। अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन करते रहे कि उनकी माँग जब तक नहीं मानी जाएगी तब वह नहीं हटेंगे।
आयोग ने अभ्यर्थियों को वार्ता के लिए भी बुलाया लेकिन वह इसके लिए भी तैयार नहीं हुए। आखिर में आयोग ने PCS की प्री परीक्षा को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी दी। उसने एक दिन में परीक्षा की बात कही और RO/ARO पर कमेटी बनाने को कहा।
अब परीक्षा कैसे होगी?
आयोग के UPPCS की प्री परीक्षा एक दिन में कराने के निर्णय से अंक दिए जाने में बदलाव होगा। दरअसल, जब आयोग ने दो दिन में परीक्षा करवाने का निर्णय लिया था तो इसी के साथ इसमें नॉर्मलाइजेशन भी लागू कर दिया था। अब जब परीक्षा एक दिन में होगी तो नॉर्मलाइजेशन नहीं लागू होगा। नॉर्मलाइजेशन की जरूरत तभी होती है जब कोई परीक्षा एक से अधिक पाली या दिनों में हो और उसके अलग-अलग प्रश्न पत्र आए हों।
आयोग के निर्णय के बाद यह स्थिति बदल गई है, ऐसे में अब पुराना ही पैटर्न चलेगा। RO-ARO परीक्षा के मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं है। दोनों परीक्षाओं की नई तारीखें सभी सामने नहीं आई हैं। माना जा रहा है कि RO-ARO परीक्षा पर रिपोर्ट के बाद ही तारीखों को लेकर कोई बात साफ होगी।
नॉर्मलाइजेशन से दिक्कत क्यों?
अभ्यर्थियों का कहना है कि PCS और RO/ARO में पहली बार नॉर्मलाइजेशन लागू किया है, जो कि सही नहीं है। सरलीकरण में अलग-अलग पाली होने वाली एक ही परीक्षा के कठिनाई के स्तर को देखते हुए अंक दिए जाते हैं। इसके अंतर्गत यदि किसी परीक्षा में 3 पाली हुई, जिसमें से तीसरी पाली का प्रश्नपत्र सबसे कठिन और पहली पाली का प्रश्नपत्र सरल हुआ तथा बीच की पाली का प्रश्नपत्र सामान्य रहा तो कठिन प्रश्न पत्र वाले को अंक बढ़ा कर दिए जाएँगे।
अभ्यर्थियों का तर्क है कि कुछ लोगों के लिए एक प्रश्नपत्र कठिन हो सकता जबकि दूसरे के लिए दूसरा कठिन होगा, ऐसे में सरलीकरण की प्रक्रिया सही नहीं है। उनका कहना है कि ऐसी परिस्थिति में कोर्ट में भर्ती फंस जाएगी और फिर समय बर्बाद होगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह भर्ती पहले ही गड़बड़ हो चुकी है।
अब भी प्रदर्शन क्यों कर रहे अभ्यर्थी?
आयोग के प्री परीक्षा को एक दिन में करवाने पर सहमत होने और RO/ARO को लेकर विचार करने के बाद भी अभ्यर्थी प्रयागराज से नहीं हिल रहे हैं। उनका कहना है कि प्री परीक्षा की तरह ही उन्हें RO/ARO को एक दिन में करवाने पर आयोग का नोटिफिकेशन चाहिए।
उन्होंने कहा है कि RO/ARO को लेकर कमिटी बनाने की बात कही गई है, इस कमिटी में सिवाय सरकारी अफसरों के कोई नहीं होगा और ऐसे में उनकी आवाज दब जाएगी और आंदोलन भी खत्म हो जाएगा। वह कह रहे हैं कि इस संबंध में भी जब स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, तब आन्दोलन खत्म हो जाएगा।