मध्य प्रदेश के इंदौर में एक दलित परिवार ने अपने घर के आगे पलायन का पोस्टर चिपका दिया है। पोस्टर में पलायन की वजह मुस्लिम प्रताड़ना को बताया गया है। आरोप है कि पीड़ितों पर मुस्लिमों द्वारा किसी पुराने केस में समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। मुख्य आरोपित का नाम शादाब है जिस पर पीड़ित के घर सुतली बम फेंकने का भी आरोप है। रविवार (17 नवंबर 2024) को मामले की शिकायत दर्ज करवाई गई है। हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद पुलिस ने 7 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना इंदौर के बगीचे कॉलोनी की है। यहाँ राजेश कलमोइया अपने परिवार के साथ रहते हैं। वह अपने घर के ही बगल अंडे का ठेला लगा कर गुजर-बसर करते हैं। लगभग 1 माह पहले कॉलोनी में पाइप लाइन का काम हो रहा था। इसी दौरान राजेश की अपने पड़ोस में लगभग 40 वर्षों से रहने वाले शादाब शानू से बहस हुई थी। बताया जा रहा है कि शादाब लगातार राजेश को घूर रहा था जिस पर दोनों में कहासुनी हो गई थी।
इस दौरान शादाब शानू ने राजेश को गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए धमकी दी थी। तब राजेश की शिकायत पर शादाब शानू के खिलाफ SC/ST एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी मुकदमे में समझौते के लिए राजेश और उनके परिवार पर शादाब की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा था। उनको शादाब शानू की तरफ से परिवार सहित जान से मार डालने की धमकियाँ मिल रहीं थी। शुक्रवार को शादाब, रईस, इरफान, सोनू, सलीम, जल्लू, रिजवान, रेहाना और हिना राजेश की पत्नी के पास दबाव बनाने भी गए थे।
हालाँकि, राजेश ने केस वापस लेने से इंकार कर दिया था। राजेश का कहना है कि शनिवार रात लगभग पौने 3 बजे उनकी नींद घर के पास हुए एक धमाके से खुल गई। राजेश अपनी पत्नी मीनाक्षी के साथ बाहर निकले तो वहाँ उनका पड़ोसी रईस खड़ा मिला। पूछने के बावजूद रईस ने धमाका करने वाले के बारे में कुछ नहीं बताया। इसी दौरान पास एक अन्य बम पड़ा था जिसे मीनाक्षी ने देख लिया। उन्होंने फ़ौरन ही अपने पति को अंदर खींच लिया तभी धमाका हो गया।
राजेश का कहना है कि अगर थोड़ी सी देर हुई होती तो वो इस धमाके की चपेट में आकर झुलस गए होते। शनिवार को हुई इस घटना से तंग आकर राजेश ने अपने घर के बाहर पलायन का पोस्टर चिपका दिया। उन्होंने पोस्टर में लिखा, “यह मकान बिकाऊ है। मुस्लिम प्रताड़ना से परेशान।” इस मामले की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता राजेश के घर पहुँचे। उन्होंने शादाब और उसके साथियों पर एक्शन की माँग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
हिन्दू संगठन के सदस्यों का आरोप है कि राजेश के घर पर हुए धमाके में सुतली बम और कीलों का प्रयोग किया गया था। इस मामले की सूचना मिलते ही फ़ौरन ही पुलिस बल मौके पर पहुँचा। पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर नाराज लोगों को समझाया। आसपास के CCTV फुटेज को खंगाला गया। डॉग स्क्वायड को भी बुलवाया गया। घटनास्थल से बरामद कीलों और छर्रों को कब्ज़े में लेकर जाँच के लिए लैब भेज दिया गया है।
जाँच के दौरान शादाब शानू की तरफदारी करने वाले भी वहाँ पहुँच गए थे। वह राजेश के आरोपों को झूठा बता रहे थे। पुलिस ने दूसरे पक्ष को भी समझा कर वापस भेजा। फ़िलहाल इंदौर पुलिस ने इस केस में 7 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। क्षेत्र के एडिशनल डीसीपी आनंद यादव के अनुसार, दोनों परिवार 40 साल से आमने-सामने रह रहे हैं। घटना के पीछे कहासुनी का पुराना विवाद है। पटाखे फोड़ने के आरोपों के समर्थन में अभी तक पुलिस को सबूत नहीं मिल पाए हैं। फिलहाल मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।