ऐसा लगता है कि बात-बात में नेहरू की कसमें खाने वाले कॉन्ग्रेसियों को अब देश के पहले प्रधानमंत्री का नाम सुनना भी अच्छा नहीं लग रहा है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन करते हुए बीते दिनों कहा था कि इसके जरिए मोदी सरकार ने महात्मा गॉंधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा किए गए वादे को पूरा किया है। अब खबर आ रही है कि कॉन्ग्रेस ने खान से उस कार्यक्रम में नहीं आने को कहा है, जिसमें शामिल होने के लिए कुछ दिन पहले ही उसने गवर्नर को न्योता दिया था।
इसकी जानकारी खुद गवर्नर खान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए दी है। ट्विटर पर एक पत्र शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि 23 दिसंबर को केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कॉन्ग्रेस नेता रहे करुणाकरण के स्मारक उद्घाटन में शामिल होने के लिए विपक्षी दल के नेता रमेश चेन्निथला ने उन्हें आमंत्रित किया था। लेकिन कार्यक्रम से ठीक पहले उनके दफ्तर में फोन करके आग्रह किया गया कि वे इस कार्यक्रम में शामिल न हों।
As invited by Sh.RameshChennithala, Opposition Leader,Hon’ble Governor Shri Arif Mohammed Khan was to inaugurate Commemoration of Late K Karunakaran, Ex Kerala CM & @INCIndia Leader at 4pm, 23Dec. But, today,office of Sh. @chennithala requested Hon’ble Governor NOT to attend pic.twitter.com/aCf0r7C4aO
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) December 23, 2019
इस पत्र में राज्यपाल को कार्यक्रम में आने के लिए सहमति देने पर कॉन्ग्रेस नेता ने धन्यवाद भी दिया है। बाद में अनिश्चित कारणों (UNEXPECTED DEVELOPMENT) का हवाला दे कहा गया कि राज्यपाल का इस समारोह में होना सही नहीं रहेगा। इसमें कहा गया है कि विपक्ष के नेता को भी लगता है कि यह बेहतर रहेगा कि आप इस कार्यक्रम में न शामिल हों।
गौरतलब है कि कार्यक्रम में शामिल न होने के लिए विपक्षी दल के नेताओं द्वारा राज्यपाल को ये पत्र उसी दिन भेजा गया, जिस दिन कार्यक्रम की तारीख और समय निर्धारित था। इसका मतलब है कि आमंत्रण रद्द करने का फैसला आखिरी क्षणों में किया गया।
हालाँकि, गवर्नर को भेजे गए पत्र में ‘अनिश्चित कारणों’ (UNEXPECTED DEVELOPMENT) के बारे में खुलकर नहीं बताया गया। लेकिन इस बात का अंदाजा सरल ही लगाया जा सकता है कि एक ओर कॉन्ग्रेस नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ मार्च कर रही हैं और दूसरी ओर तीन दिन पहले ही आरिफ मोहम्मद खान ने इसके समर्थन में अपनी राय रखी है। साफ है कि कॉन्ग्रेस पार्टी नहीं चाहती थी कि कोई भी ऐसा व्यक्ति कार्यक्रम में सम्मलित हो जो सीएए के पक्ष में राय रखे।
कॉन्ग्रेस के पूर्व नेता और वर्तमान में केरल के राज्यपाल ने तीन दिन पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सरकार का खुलकर पक्ष लिया था। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने महात्मा गाँधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कॉन्ग्रेस द्वारा किया गया वो वादा पूरा किया है जो उन्होंने पाकिस्तान में प्रताड़ित किए गए लोगों से किए थे। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम की नींव साल 1985 और 2003 में रख दी गई थी। सरकार ने इस अधिनियम को केवल कानूनी रूप दिया है।
Governor of Kerala, Arif Mohammad Khan on #CitizenshipAct: Government has kept the promise that Mahatma Gandhi, Pandit ji & Congress had made to people who were living deplorable lives in Pakistan. The foundation of Act was laid in 1985&2003, govt just gave a legal form to it. pic.twitter.com/xLRbcDVWae
— ANI (@ANI) December 21, 2019