सामाजिक मुद्दों पर पिछले कई वर्षों से एक से बढ़कर एक फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। इसी कड़ी में डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा की खुले में शौच, स्वच्छता जैसे विषयों को छूती फ़िल्म ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर रिलीज़ हो गया है। इस ट्रेलर को देखकर फ़िल्म की कहानी दिल को छू जाने वाली लग रही है।
फ़िल्म ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’ की कहानी शौचालय की समस्या को एक अलग नज़रिए से समझाती नज़र आ रही है। दो दिन पहले रिलीज़ पोस्टर में एक छोटा सा लड़का अपनी माँ के साथ खड़ा है और दीवार पर लिखा है, “Meri Arzi Sunlo Zara”। और अब ट्रेलर देखकर लग रहा है कि फ़िल्म की कहानी इस 8 साल के बच्चे की अर्ज़ी की कहानी है जो अपनी माँ के लिए टॉयलेट बनवाना चाहता है।
Gandhi Nagar’s Kanhu needs the Prime Minister’s help to fulfill his special dream! Know more on the 10th February #MerePyarePMPoster @ROMPPictures @PenMovies @jayantilalgada @sonymusicindia #Gulzar @OmKanojiya1 @AnjaliPOfficial @ShankarEhsanLoy @_PVRCinemas @UnstoppableYUVA pic.twitter.com/RxLlItnQca
— Rakeysh Mehra (@RakeyshOmMehra) February 8, 2019
फ़िल्म के ट्रेलर को देखकर ऐसा लग रहा है कि खुले में शौच, बलात्कार, यौन उत्पीड़न और ग़रीबी जैसे कई मुद्दों को इसमें भावनात्मक तरीके से उठाया गया है। इसके अलावा बाल मनोविज्ञान और भेदभाव जैसे सामाजिक मुद्दों को भी पूरी संवेदनशीलता और संजीदगी से उठाया गया है।
ट्रेलर की शुरुआत दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्रपति भवन से होती है, जहाँ कुछ बच्चे प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पहुँचे हैं। उन बच्चों में से कन्हैया गार्ड से पूछता है कि क्या पीएम यहीं रहते हैं? संजीदगी के साथ हँसी-मज़ाक के पलों को भी समेटती फ़िल्म के ट्रेलर में अरिजीत सिंह की आवाज़ में टाइटल ट्रैक चलता रहता है।
ट्रेलर देखकर अभी इतनी कहानी समझ आ रही है कि 8 साल का एक लड़का कन्हैया अपनी माँ के साथ मुंबई की स्लम एरिया में रहता है। माहौल वैसा ही है जैसा आमतौर पर स्लम में होता है लेकिन उनकी ज़िदगी में बड़ा बदलाव तब आता है। जब खुले में शौच के लिए जाने पर उसकी माँ के साथ रेप हो जाता है। शौचालय की समस्या को दूर करने के लिए कन्हैया प्रधानमंत्री के नाम लिखी चिट्ठी जिसमें व्यथा का जिक्र करते हुए शौचालय बनवाने की अपील होती है।
सरगम अपने बेटे कनु से ये वादा करवाती है कि ‘बोल लाइफ में कभी गंदे काम नहीं करेगा” प्राइम मिनिस्टर को लिखे ख़त में कनु का एक मासूस सवाल है “आप तो देश के प्रधानमंत्री हैं अगर आपकी माँ के साथ ऐसा होता तो आपको कैसा लगता?” जो शौचालय न होने से महिलाओं को किन ख़तरों से गुजरना होता है, उस पर सोचने को विवश कर देता है।
ट्रेलर में एक जगह एक तंज भी है जब कन्हैया नोट को ध्यान से अपने दोस्तों को दिखाते हुए कहता है “माँगने से कुछ नहीं होता, करने से होता है और वह सिर्फ़ एक ही आदमी कर सकता है- गाँधी जी।
इस फ़िल्म में मुख्य भूमिकाओं में नेशनल अवॉर्ड विनिंग ऐक्ट्रेस अंजलि पाटिल, मकरंद देशपांडे, रसिका अगाशे, सोनिया अलबिजूरी और नचिकेत पूर्णपत्रे हैं। फिल्म 15 मार्च 2019 को रिलीज़ होगी। फ़िल्म में अंजलि पाटिल ने कन्हैया की माँ सरगम का रोल निभाया है। अतुल कुलकर्णी फ़िल्म में एक सरकारी अधिकारी के रोल में है। फ़िल्म का म्यूज़िक शंकर, एहसान और लॉय ने दिया है।
इससे पहले राकेश ओमप्रकाश मेहरा की आख़िरी फ़िल्म ‘मिर्जिया’ थी, जो साल 2016 में आई थी। मेहरा को ‘रंग दे बसंती’ और ‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी फ़िल्मों के लिए जाना जाता है।
इस फ़िल्म का आईडिया भी राकेश को ‘भाग मिल्खा भाग’ की शूटिंग से लौटते हुए एक स्लम एरिया से गुज़रते हुए आया, जहाँ रास्ते के किनारे खुले में शौच करने को मज़बूर महिलाएँ गाड़ी की लाइट देखते ही खड़ी हो जाती हैं।
इससे पहले ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ जैसी फ़िल्म भी खुले में शौच जैसे मुद्दे को गंभीरता से उठा चुकी है। उम्मीद है ‘मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर’ फ़िल्म भी शौचालय और स्वच्छता जैसी मूलभूत ज़रूरतों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी।