सोमवार को कॉन्ग्रेस की महासचिव बनने के बाद प्रियंका गाँधी वाड्रा ने अपना पहला रोड शो लखनऊ में किया। इस रोड शो के बाद सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने बयान दिया कि उनकी पार्टी का गठबंधन सिर्फ़ बसपा के साथ नहीं है, बल्कि कॉन्ग्रेस के साथ भी है, राष्ट्रीय लोक दल, निशाद पार्टी और पीस पार्टी के साथ भी है।
सोमवार को फिरोज़ाबाद में अखिलेश ने रिपोर्टरों से बातचीत के दौरान बताया कि उनका गठबंधन सिर्फ़ बसपा के साथ का नहीं हैं, बल्कि कॉन्ग्रेस भी इसमें शामिल है। अखिलेश ने बताया कि आरएलडी की तीन सीटों की वज़ह से वो भी गठबंधन का हिस्सा हैं। निशाद पार्टी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके साथ उन्होंने पहले चुनाव लड़े हैं, इसलिए वो भी गठबंधन का हिस्सा हैं। साथ ही पीस पार्टी ने भी उनका साथ दिया है, इसलिए वो भी इसमें शामिल हैं।
Akhilesh Yadav on coalition with smaller parties: Ye gathbandhan BSP se toh hai, wahin aapki aur jankari hogi ki Congress party bhi shamil hai, RLD ko bhi teen seat di gai hain, wo bhi shamil hain. Aur Nishad party ko bhi, kyunki pehle hum chunaav un ke sath lade hain. pic.twitter.com/iwCPvDRFYN
— ANI UP (@ANINewsUP) February 11, 2019
आने वाले चुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ पार्टी इन चुनावों में हमारे साथ होंगी और कुछ विधान सभा में साथ होंगी।
एक तरफ जहाँ बसपा अध्यक्ष मायावती कॉन्ग्रेस की लगातार आलोचना करती हैं, वहीं अखिलेश कॉन्ग्रेस पर प्रत्यक्ष रूप से कुछ भी बोलने से झिझकते रहे हैं। वहीं जनवरी में जब सपा और बसपा के गठबंधन की घोषणा की गई थी, तब मायावती ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के साथ किसी तरह का कोई गठबंधन नहीं होगा।
12 जनवरी को हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के साथ बैठी मायावती ने कहा था कि कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन का कोई भी फायदा नहीं है। मायावती के अनुसार बीजेपी हो या कॉन्ग्रेस, दोनों एक ही बात है। रक्षा घोटालों में दोनों के ही नाम हैं, हर समुदाय इन दो पार्टियों से नाख़ुश है।
लोकसभा चुनाव नज़दीक होने पर अखिलेश ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और आरएलडी के साथ सीटों के बंटवारे पर बात कही। वहीं इसके ज़वाब में आएलडी के वरिष्ठ नेता जयंत चौधरी ने कहा है कि जब तक आधिकारिक रूप से इस मुद्दे पर बात नहीं होती है, तब तक वो इस पर कुछ नहीं कहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि यह बात किस मौके पर और किस संदर्भ में बोली गई है।
जयंत से जब पूछा गया कि क्या वो तीन सीटों पर चुनाव को लड़ने के लिए हाँ करेंगे तो उन्होंने कहा, “जहाँ पर बातचीत होती है, वहाँ पर बातों के हल भी निकलते हैं। अब उसके बाद ही कोई घोषणा करेंगे, तब तक इंतज़ार कीजिए।”
साथ ही जब जयंत से सपा के कॉन्ग्रेस से गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बोला कि इस विषय पर राय महत्व नहीं रखती है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी को मिलकर सोचना है कि कॉन्ग्रेस गठबंधन का हिस्सा बनेगी या फिर नहीं।