Sunday, November 17, 2024
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24 घंटे की थी मोहलत, दिल्ली छोड़ने से पहले जामा मस्जिद पहुँचा भीम आर्मी का ‘रावण’

अदालत ने जमानत देते हुए कहा था कि शर्तें चंद्रशेखर के जेल से रिहा होने के 24 घंटे बाद प्रभावी होंगी। यही कारण है कि जेल से निकलने के अगले ही दिन वह सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने पहुॅंचा।

जामा मस्जिद पर प्रदर्शन के दौरान एकत्रित भीड़ को उकसाने और आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में 20 दिसंबर को गिरफ्तार हुए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण को गुरुवार को सशर्त जमानत पर तिहाड़ जेल से निकला था। दिल्ली छोड़ने से पहले शुक्रवार को वह फिर जामा मस्जिद पहुँचा। चूँकि शर्तें उसके जेल से रिहा होने के 24 घंटे बाद प्रभावी होने थे तो उसने उसका बखूबी इस्तेमाल किया।

जामा मस्जिद पहुँच रावण ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उसने हाथ में संविधान की कॉपी ले राखी थी और संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा, “मैं अपने साथियों से निवेदन करता हूँ कि वो इस मुल्क के संविधान की ताकत को समझें। आज मुझे जो रिहाई मिली है और हमारे भाइयों को जो रिहाई मिल रही है वो इस मुल्क के संविधान की ताकत के वजह से मिली है।”

प्रदर्शन जारी रखने का आह्वन करते हुए कहा, “हमारा संघर्ष जारी रहेगा क्योंकि हमारा विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। आप इस प्रदर्शन से मुल्क को बताए कि अब हमारे मुल्क को कोई खतरा नहीं और न ही हमारी एकता को कोई खतरा है।”

इस दौरान रावण ने अन्य समुदाय के लोगों को लुभाते हुए अपने प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा। 24 घंटे में दिल्ली छोड़ने से पहले उसने जामा मस्जिद पर कहा, “मुस्लिम भाइयों से ज्यादा हमारे सिख भाई और ओबीसी भाई और वो लोग जो समाज के संविधान के साथ खड़े हैं वे सब मिलकर इस प्रदर्शन को और मज़बूत करें। झूठ फैलाया जा रहा है कि मुस्लिम प्रदर्शन कर रहे हैं। ये झूठ भी बेनकाब होगा।”

गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ राहत दी थी। आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना भी आयोजित नहीं करेंगे। इस दौरान अदालत ने ये भी कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कहीं भी जाना चाहती है, तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी। बता दें, इस दौरान अदालत ने उन्हें दिल्ली छोड़ने के लिए 24 घंटे का समय दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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