दिल्ली में विधानसभा चुनाव को बस 5 दिन बचे हैं और प्रचार अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है। सभी पार्टियाँ अपना पूरा दम-खम लगा कर मैदान में उतरी हुई हैं। ऐसे में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपनी पार्टी भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान उनके बयान ख़ूब सुर्खियाँ बटोर रहे हैं और साथ ही लोग भी उनकी बातों पर ताली पीट रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान बीबीसी को इंटरव्यू दिया। जैसा कि अपेक्षित था, बीबीसी ने उनसे सीएए और एनआरसी को लेकर रटे-रटाए सवाल पूछे और उनके मुँह में जवाब डाल कर निकलवाने की कोशिश की, ताकि दुष्प्रचार किया जा सके।
बीबीसी ने इंटरव्यू में यूपी के सीएम से पूछा कि क्या शाहीन बाग़ में विरोध-प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम वो लोग नहीं हैं, जिन्होंने 1947 में मजहब के आधार पर हुए देश के बँटवारे के बाद पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था और भारत को अपनाया था? बीबीसी का कहना था कि इन मुस्लिमों के पूर्वजों ने पाकिस्तान को ठुकराया था और भारत को अपनाया था। इसके जवाब में भाजपा ने फायरब्रांड नेता योगी ने कहा कि उन लोगों ने पाकिस्तान न जाकर भारत पर कोई एहसान नहीं किया है। उन्होंने कहा:
“इन्होंने कोई उपकार नहीं किया। इन्होंने भारत पर किसी प्रकार का उपकार नहीं किया था। देश के विभाजन का विरोध किया जाना चाहिए था। जो बातें भारत के हित में हैं, आपको उनका समर्थन करना चाहिए। लेकिन जो भारत के विरोध में हैं, उसका जोर-शोर से विरोध किया जाना चाहिए। हमारी राष्ट्रभक्ति की यही पुकार है। यही भारत के हर नागरिक का दायित्व भी है। योगी या मोदी के कहने पर नहीं, अगर भारत के हित में है तो आप समर्थन कीजिए और अगर भारत के विरोध में है तो आप विरोध कीजिए।
बता दें कि शाहीन बाग़ विरोध-प्रदर्शन के मुख्य साज़िशकर्ता शरजील इमाम ने भी भारत-पाक बँटवारे को लेकर अपनी राय दी थी। उसने कहा था कि मुस्लिमों ने सेक्युरलिज्म या भारत से प्रेम होने की वजह से पाकिस्तान नहीं ठुकराया, बल्कि वो मजबूरीवश वहाँ नहीं गए। शरजील ने कहा था कि संपत्ति व अन्य कारणों से मुस्लिम पाकिस्तान नहीं गए, वरना वो पूरा हैदराबाद उठा कर ले जा सकते थे। देश के ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने की बात करने वाला शरजील इमाम फ़िलहाल देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया जा चुका है।
बीबीसी ने योगी आदित्यनाथ से जिस तरह के सवाल पूछे, वो दिखाता है कि वह अपने पुराने पक्षपाती एजेंडे पर ही चल रहा है। बीबीसी 1990 के दशक से ही जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा चला रहा है और इस मसले पर भारत को बदनाम करने की कोशिश करता रहा है। यहाँ तक कि बीबीसी ने फेक न्यूज़ के बढ़ते प्रसार के लिए भी राष्ट्रवादी विचारधारा को ही जिम्मेदार ठहराया था।
मुख्यमंत्री योगी ने बयान दिया था कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से आतंकवादियों को बिरयानी नहीं, गोली खिलाई जाती है। बीबीसी ने जब इस बयान पर सवाल पूछा तो सीएम योगी ने कहा कि हम न तो बिरयानी खाते हैं और न ही खिलाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब काम कॉन्ग्रेस और केजरीवाल किया करते थे, इसलिए इस सरकार में आतंकियों के प्रति रहमी नहीं दिखाई जाती है। उन्होंने अपने उस बयान का भी बचाव किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदर्शनकारी पुरुष ख़ुद घर में रजाई में सो रहे हैं और उन्होंने अपने घरों की महिलाओं को सड़क-चौराहे पर बिठा रखा है।