Thursday, May 9, 2024
Homeदेश-समाजपुलवामा जाँच: Pak का था हाथ, कोयले में छिपा कर लाया गया था RDX

पुलवामा जाँच: Pak का था हाथ, कोयले में छिपा कर लाया गया था RDX

आरडीएक्स को अंगीठी के कोयले में छिपा कर कई चरणों में लाया गया था। आरडीएक्स में राख मिला कर इसे कोयले के साथ कवर बना कर रखा जाता था ताकि किसी को शक न हो।

पुलवामा हमले को लेकर चल रही शुरुआती जाँच में पाकिस्तान का हाथ सामने आया है। वैसे यह कोई आश्चर्यजनक या चौंकाने वाली बात नहीं है क्योंकि सभी को पता था कि इस त्रासद हमले के पीछे पाकिस्तान ही है। लेकिन, अब जाँच भी इसी ओर इंगित कर रहे हैं। 40 भारतीय जवानों की जान लेने वाले इस हमले में हाई इंटेंसिटी वाले ‘मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोसिव (RDX)’ का प्रयोग किया गया था। इस विस्फोटक को पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकियों को सप्लाई किया जाता है।

फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के इस ख़ुलासे के बाद पाकिस्तान की सच्चाई एक बार फिर से बेनक़ाब हो गई है। इसके अलावा यह भी पता चला है कि विस्फोटक रखने के लिए जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था, वह मारुती ईको वैन थी। घटनास्थल पर पहुँच कर प्रथम दृष्टया जाँच के बाद विशेषज्ञों ने बताया कि आरडीएक्स एक स्थिर विस्फोटक है लेकिन इसे घटना से महीनों पहले लाया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि इन विस्फोटकों को घटनास्थल से 5-7 किमी की दूरी पर तैयार किया गया था।

हालाँकि, अभी आधिकारिक तौर पर फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही इस हमले से जुड़े अन्य राज़ खुलेंगे। बारिश की वजह से कई साक्ष्य मिटने के कारण विशेषज्ञों को जाँच में ख़ासी परेशानी हुई। एक सीनियर विशेषज्ञ के अनुसार, इस हमले में 50-70 किलोग्राम आरडीएक्स का प्रयोग किया गया था ताकि 300 किलोग्राम की चीज को पूरी तरह नष्ट किया जा सके। इसे तैयार करने के लिए पाकिस्तान से बम बनाने वाले भारत आए थे।

जम्मू-कश्मीर पुलिस, एनआईए व अन्य एजेंसियों द्वारा की जा रही जाँच से यह भी पता चला है कि आरडीएक्स को अंगीठी के कोयले में छिपा कर कई चरणों में लाया गया था। आरडीएक्स में राख मिला कर इसे कोयले के साथ कवर बना कर रखा जाता था ताकि किसी को शक न हो। आरडीएक्स के अलावा इस हमले में अमोनियम नाइट्रेट व अन्य केमिकल भी प्रयोग किए गए थे।

मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार, अगर पुलवामा हमले में उतनी भारी मात्रा में आरडीएक्स इस्तेमाल किया गया होता, जितने के क़यास लगाए जा रहे थे, तो सिर्फ़ एक बस ही नहीं बल्कि एक बड़े दायरे में आने वाले सारे वाहन उड़ जाते। इस स्थिति में जान-माल की और ज्यादा क्षति होती। बता दें कि दक्षिण कश्मीर में बड़े पैमाने पर अंगीठी का उपयोग होता है व स्थानीय लोग प्लास्टिक के थैलों या बोरियों में कोयला ले जाते हैं। आतंकियों ने इसी का फ़ायदा उठाया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

साउथ में PM मोदी का जलवा: रोड शो में उमड़ी भारी भड़ी, रथ पर सवार प्रधानमंत्री का झलक पाने के लिए बेताब दिखे लोग;...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और जनसेना पार्टी के मुखिया पवन कल्याण भी रथ पर मौजूद रहे।

‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा असली मालिकों को सौंपा जाए’: जैन संतों उस मंदिर का किया दौरा, जिसे मुस्लिम आक्रांता कुतुबद्दीन ऐबक ने तोड़कर बना...

जैन भिक्षुओं और उनके अनुयायियों ने अपनी यात्रा के दौरान मस्जिद के केंद्रीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया। मुनि सुनील सागर ने स्थल पर पत्थर के मंच पर दस मिनट तक प्रवचन किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -