जम्मू-कश्मीर में 14 फ़रवरी को हुए आत्मघाती हमले में जहाँ एक तरफ देश में ग़ुस्सा और पाकिस्तान से बदले की भावना है वहीं दूसरी तरफ आतंकियों की उन गतिविधियों का ख़ुलासा भी हो रहा है जिसके फलस्वरूप इस हमले को अंजाम तक पहुँचाया गया। ऐसी ही एक ख़बर सामने आई है जिसके मुताबिक़ पुलवामा में आतंकी हमला करने के लिए विस्फोटक ढोने के लिए आतंकवादियों ने कश्मीरी बच्चों और महिलाओं को काम पर रखा।
टाइम्स नाउ की ख़बर के अनुसार, RDX ग्रेड-5 विस्फोटक को पुलवामा ज़िले के त्राल से विस्फोटक स्थल तक पहुँचाने में आतंकवादियों ने बच्चों और महिलाओं का इस्तेमाल किया।इसके लिए महीनों तक काम किया गया। आतंकियों ने बच्चों और महिलाओं को इसलिए अपना माध्यम बनाया ताकि सुरक्षा बलों की नज़र से बचा जा सके।
ख़बर के अनुसार विस्फोटक के ट्रिगर को स्थानीय स्तर पर ही बनाया गया था। अमोनियम नाइट्रेट और RDX को विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल किया गया था। सैन्य ग्रेड A5 RDX पाकिस्तानी सेना द्वारा सप्लाई किया गया था और डिवाइस को विस्फोट स्थल से लगभग 10 किमी की दूरी पर तैयार किया गया।
ज़ी न्यूज़ की एक ख़बर के अनुसार, पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए RDX को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अमोनियम नाइट्रेट को छर्रे के साथ मिलाया गया था। इसे SUV वाहन में तीन ड्रमों में रखा गया था। RDX की इस ख़तरनाक क्वॉलिटी और ऑपरेशन को बड़े ही चुस्त-दुरुस्त रूप से अंजाम देने के कारण, इसमें पाकिस्तानी सेना की भागीदारी पर संदेह किया जा रहा है।