Sunday, November 24, 2024
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कोरोना संक्रमण में केरल को पछाड़ कैसे तेजी से नंबर 1 बन गया महाराष्ट्र, देखिए यह वीडियो ग्राफ

इस ग्राफ में 17 अप्रैल के सबसे ताजा डेटा में देखा जा सकता है कि एक ओर जहाँ केरल सबसे ऊपर था, वही केरल अब ग्राफ में 395 केस के साथ सबसे नीचे आ जाता है जबकि इसके साथ ही नजर आ रहा महाराष्ट्र अब 3205 केस के साथ ग्राफ में सबसे ऊपर आ चुका है।

कोरोना वायरस के केस भारत में देशव्यापी बंद (lockdown) के दौरान अलग-अलग राज्यों में किस तरह से बढ़ते गए इसका चित्रण अभिषेक मुखर्जी ने एक कोरोना संक्रमण ग्राफ के द्वाराकिया है। इसमें सबसे ज्यादा जरुरी बात यह है कि केरल, जो शुरूआती दौर में सबसे आगे चल रहा था, महाराष्ट्र का ग्राफ अचानक से इसे पीछे छोड़ता हुआ सबसे आगे बढ़ता चला गया।

मार्च 01, 2020 को केरल में कोरोना संक्रमण के 3 केस थे। यह देश में पहला मामला था। 2 मार्च को दिल्ली और तेलंगाना में पहले केस सामने आए। और अब पूरे देश में कुल 5 कोरोना संक्रमित मामले हो चुके थे। 5 मार्च को 3 केस दिल्ली और 3 केस केरल में होकर दोनों ग्राफ साथ हो गए थे, वहीं उत्तर प्रदेश में भी अब तक 3 केस सामने आ गए थे।

– Please wait for the moving graph i.e. data visualization to load below –

ग्राफ का यह तुलनात्मक चित्रण अभिषेक मुखर्जी द्वारा बना गया है। अभिषेक वर्तमान में जर्मनी में RWTH यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं। भारत में अब तक कोरोना के कुल 13835 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से सबसे ज्यादा 3205 अकेले महाराष्ट्र में हैं।

8 मार्च को महाराष्ट्र में पहला केस सामने आता है, इस समय केरल और उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेज होने लगता है। 11 मार्च तक देशभर में 55 केस हो जाते हैं और इस बीच महाराष्ट्र तेजी से बढ़त बनाकर दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश के साथ आ जाता है। इस समय भी केरल 17 संक्रमित लोगों के साथ पहले स्थान पर है। 12 मार्च को महाराष्ट्र में कुल 12 संक्रमित सामने आते हैं और केरल में यह संख्या 18 हो जाती है।

यहाँ केरल में संक्रमण के मामले स्थिर तो नहीं होते लेकिन 14 मार्च को महाराष्ट्र में संक्रमितों का ग्राफ एक बार फिर तेजी से सबसे आगे आ जाता है और अब यहाँ महाराष्ट्र में कुल संक्रमितों की संख्या 22 हो जाती है। यहाँ से महाराष्ट्र में सामने आने वाले कोरोना के मामले कहीं नहीं रुकते और निरंतर सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए सबसे ऊपर बना रहता है।

17 मार्च को महाराष्ट्र का ग्राफ अन्य राज्यों की तुलना में बहुत आगे निकल जाता है और कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 38 हो जाती है। यहाँ पर यदि तुलनात्मक देखें तो एक और जहाँ अब तक अन्य राज्य संक्रमण पर रोक लगाने के प्रयास करने लगे थे वहीं महाराष्ट्र में यह आँकड़ा बहुत आगे बढ़ता नजर आता है। इस समय केरल में जहाँ 25 केस हैं वहीं महाराष्ट्र में अब 38 मामले हो जाते हैं।

22 मार्च को केरल में संक्रमण के मामलों में तेजी देखी जा सकती है और केरल में अब 51 केस हैं, वहीं महाराष्ट्र में 67 केस हो जाते हैं, महाराष्ट्र अभी भी पहले स्थान पर है।

26 मार्च को केरल (127) में यह संख्या महाराष्ट्र (126) से आगे निकलती है और केरल पहले नम्बर पर आ जाता है और महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर। लेकिन ठीक एक दिन बाद महाराष्ट्र एक बार फिर सबसे ऊपर नजर आता है।

इस ग्राफ में 17 अप्रैल के सबसे ताजा डेटा में देखा जा सकता है कि एक ओर जहाँ केरल सबसे ऊपर था, वही केरल अब ग्राफ में 395 केस के साथ सबसे नीचे आ जाता है जबकि इसके साथ ही नजर आ रहा महाराष्ट्र अब 3205 केस के साथ ग्राफ में सबसे ऊपर आ चुका है। यह ग्राफ इस कारण भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जब महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे सरकार सोशल मीडिया पर अपने पेड कैम्पेन चला रही थी, उस समय महाराष्ट्र में कोरोना के मामले तेजी से अपने लिए जगह बनाते जा रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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