दिल्ली निजामुद्दीन मरकज से निकलकर पूरे देश में फैले जमातियों को अभी तक खोजा नहीं जा सका है, इस बीच आई एक और अहम जानकारी ने दिल्ली सरकार के साथ सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। वह ये कि दिल्ली मरकज में आए रोहिंग्या मरकज से निकलकर कहाँ-कहाँ गए इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है, इसे लेकर सरकार अब टेंशन में आ गई है।
जानकारी के मुताबिक पिछले माह दिल्ली के तबलीगी मरकज से निकले सैकड़ों रोहिंग्या अब पूरे देश में आफत बनकर घूम रहे हैं। हजारों जमातियों की तरह कहीं यह भी देश के अलग-अलग हिस्सों में तो नहीं घूम रहे। इसे लेकर दिल्ली सरकार के साथ दिल्ली पुलिस भी अब टेंशन में आ गई है, क्योंकि पुलिस को डर है कि अगर इनमें भी कोरोना के संक्रमण पाए गए तो देश में लागू लॉकडाउन की सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
मामले की जाँच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाया है कि मार्च के दूसरे पखवाड़े में तबलीगी मरकज में विभिन्न राज्यों से आए सैकड़ों रोहिंग्या भी शामिल हुए थे। मरकज में शामिल जमातियों के साथ ये भी तबलीगी मकरज से तो निकले, लेकिन वापस अपने कैंपों में नहीं गए।
वहीं इस आशंका को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने इन गायब रोहिंग्याओं की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। हालाँकि, अभी तक पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। इसे देखते हुए पुलिस ने उन इलाकों में छापेमारी तेज कर दी है, जहाँ पर ये छिपे हो सकते हैं। खासकर बाहरी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के साथ पूर्वी दिल्ली के इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
यही कारण है कि इसे लेकर अब गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी तक दिया है। साथ ही पुलिस ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर राज्यों को आगाह किया है कि वे इसकी गहनता से जाँच करें और पहचान होने पर उन्हें तत्काल स्क्रिनिंग के लिए भेजें। खुफिया इनपुट मिलने और कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी यूपी, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों की सरकारों को रोहिंग्या शरणार्थियों और तबलीगी जमात के बीच लिंक की जाँच के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं दिल्ली से सटे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की पुलिस ने भी तेजी से रोहिंग्या शरणार्थियों की तलाश तेज कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी के तकरीबन 8 जिलों में 369 रोहिंग्या शरणार्थियों के मौजूद होने की सूचना है। गौतमबुद्धनगर, मेरठ, कानपुर, मथुरा, सहारनपुर, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और अलीगढ़ जिले की पुलिस को डीजीपी मुख्यालय की ओर से निर्देश जारी किया गया था कि वे रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाएँ।