रविदास मंदिर में लाउडस्पीकर बज रहा था। लोग भजन-कीर्तन सुन रहे थे। तभी दूसरे समुदाय के लोगों ने धावा बोल दिया। उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी। हिन्दुओं पर हमला कर के दो को जख्मी कर दिया। उत्तराखंड के रुड़की में हुई ये घटना शुक्रवार (मई 8, 2020) सुबह की है।
रुड़की के मंदिर में लाउडस्पीकर ज्यादा जोर से भी नहीं बज रहा था। फिर भी समुदाय विशेष के लोग वहाँ पहुँच गए और उन्होंने इसका विरोध किया। फिर वो बहस करने लगे। इसके बाद हिन्दू समाज ने भी उनका विरोध किया। विवाद इतना बढ़ गया कि मजहब विशेष के कई और लोग भी वहाँ पर इकट्ठे हो गए और उन्होंने मारपीट शुरू कर दी।
हिन्दू समाज के लोगों को भी जब इस बात का पता चला तो उन्होंने वहाँ जुटान शुरू कर दिया। कट्टरपंथियों की ओर से लगातार पत्थरबाजी हो रही थी। हमला के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी जम कर धज्जियाँ उड़ी। शोर और हंगामे को देखते हुए पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस को वहाँ शांति बहाल करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। मंदिर परिसर में कट्टरपन्थियों की पत्थरबाजी के कारण भारी मात्रा में पत्थर जमा हो गए। पुलिस को किसी तरह लाठीचार्ज कर के मामले को संभालना पड़ा। इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।
इस पथराव में दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें हायर सेंटर रेफेर किया गया है। दोनों घायलों के नाम सोनू और जितेंद्र हैं। गाँव में पुलिस बल की तैनाती के कारण स्थिति सामान्य बनी हुई है।
पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने के बाद अबुजर, मुशीर, शमशेर, अरशद और आकिल को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कुल 20 लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया था, जिनकी धर-पकड़ शुक्रवार की रात से ही शुरू कर दी गई थी।
आरोप है कि कट्टरपंथियों ने मंदिर का ताला भी तोड़ दिया था। गाँव में पहले से भी सांप्रदायिक तनाव का माहौल बनता रहा है। इस घटना के दो दिन पहले क्रिकेट खेलने को लेकर भी दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो गई थी। गाँव के प्रबुद्ध जनों ने उस समय मामला शांत करा दिया था। इसके बाद दूसरे पक्ष ने लाउडस्पीकर को नया विवाद का जरिया बनाया। पुलिस ने लोगों को लॉकडाउन का उल्लंघन न करने की चेतावनी दी है।
पाकिस्तान में हिन्दू मंदिरों पर हमले होने आम बात हैं लेकिन हाल के दिनों में भारत के विभिन्न हिस्सों में पर्व-त्योहारों के दौरान मंदिरों पर हमले की ख़बरें बढ़ गई हैं।