Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजयोगी ने विकास की खातिर गोरखनाथ मंदिर की चहारदीवारी और उससे सटे 200 दुकानों...

योगी ने विकास की खातिर गोरखनाथ मंदिर की चहारदीवारी और उससे सटे 200 दुकानों पर चलवा दिया बुल्‍डोजर

योगी आदित्यनाथ द्वारा अपनी ही वैध दुकानें तुड़वा देने से प्रशासन को यह संदेश तो मिल ही गया है कि इस संयासी मुख्यमंत्री के लिए लोकहित सर्वोपरि है और इसकी राह में मंदिर, मस्जिद इत्‍यादि धार्मिक स्‍थल ही क्‍यों न हों, किसी को भी बाधक नहीं बनने दिया जाएगा।

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने गोरखपुर में विकास के ख़ातिर गोरखनाथ मंदिर की चहारदीवारी पर बुल्‍डोजर चलवा दिया। साथ ही गोरखपुर में मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया तक बन रहे 17 किलोमीटर लंबे फोरलेन के लिए गोरखनाथ मंदिर की एक-दो नहीं, दो सौ से ज्‍यादा दुकानें जमींदोज की जा रही हैं।

जाम की समस्या से मिलेगी मुक्ति

दरअसल, गोरखपुर के करीब 10 लाख हल्‍के और भारी वाहन वाले लोगों को आए दिन जाम की समस्या का सामना करना पड़ता था। इसके समाधान के लिए सरकार द्वारा मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया तक 17 किलोमीटर लम्‍बे फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। ताकि शहर में प्रवेश करने वाले लोगों को जाम का सामना नहीं करना पड़े।

योगी सरकार ने दिखाई थी हरी झंडी

सोमवार (17मई,20) से निर्माण में आड़े आ रहीं गोरखनाथ मंदिर परिसर से सटी दुकानों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू कर दिया गया था और बुधवार तक लगभग 100 दुकानें ध्वस्त कर दी गईं। इसी क्रम में लगभग 100 दुकानें और तोड़ी जाएँगी। मंदिर की दुकानें तोड़ने की हरी झंडी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है। इस आदेश के बाद पूरा प्रशासनिक अमला दुकानों को तोड़ने में लगा है।

ध्वस्त मकानों और दुकानों की जगह मिलेगी नई जगह

गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि जिन मकानों और दुकानों को तोड़ा जा रहा है इन सभी दुकानदारों को सरकार की तरफ से नए दुकान और मकान बना कर दिए जाएँगे। इसके लिए सब्जी मंडी में पाँच मंजिला भवन तैयार हो रहा है, जिसमें दुकानों का निर्माण होगा। इन सभी दुकानों के प्रभावित दुकानदारों को लगभग छह महीने के अंदर दुकानें और अधिकतम एक साल के अंदर मकान बनाकर दे दिए जाएँगे।

योगी का काम है उनकी पहचान

बता दें 2017 में योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने पर देश-विदेश में पक्ष-विपक्ष के लोग गाहे-बेगाहे पूछते रहते थे कि एक संन्‍यासी की सत्‍ता कैसी होगी। मुख्‍यमंत्री का पद संभालने के बाद अपने द्वारा किए गए निर्माणों से योगी ने लोगों को यह बात तो साफ कर दिया था कि संन्‍यास का मतलब पलायन नहीं है। वह संयासी लोक कल्याण के लिए बने और उनके लिए राजनीति कोई पेशा नहीं है।

इसी लोककल्‍याण की भावना से योगी सुबह से लेकर देर रात तक काम करते रहते हैं। उनके कामों से यह तो स्‍पष्‍ट होता है कि वह संन्‍यासी हैं लेकिन धर्म को अंधविश्‍वास और अराजकता से जोड़ने के सख्‍त विरोधी भी हैं।

योगी आदित्यनाथ द्वारा अपनी ही वैध दुकानें तुड़वा देने से प्रशासन को यह संदेश तो मिल ही गया है कि इस संयासी मुख्यमंत्री के लिए लोकहित सर्वोपरि है और इसकी राह में मंदिर, मस्जिद इत्‍यादि धार्मिक स्‍थल ही क्‍यों न हों, किसी को भी बाधक नहीं बनने दिया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -