जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से एक आँखें खोल देने वाल सच सामने आया है, जहाँ एक नायब तहसीलदार के घर के अंदर आतंकी ठिकाना पाया गया। इसकी जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इसे तत्काल ध्वस्त कर दिया और नायब तहसीलदार नजीर अहमद वानी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
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— 🇮🇳आज़ाद🇮🇳 (@ErAKumar20) May 23, 2020
Militancy in Kashmir: पुलवामा में नायब तहसीलदार की दुकान के नीचे मिला आतंकी ठिकाना, पुलिस ने किया मामला दर्जhttps://t.co/URM5JWvcUj
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली कि आतंकियों ने अपना एक ठिकाना जिला पुलवामा में अवंतीपोर के साथ सटे वायलू राजपोरा में बना रखा है। इसकी जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ ने सेना के जवानों के साथ मिलकर शुक्रवार (22 मई, 2020) की रात करीब 10 बजे पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
तलाशी के दौरान पता चला कि वायलू गाँव की एक दुकान में आतंकियों ने अपना ठिकाना बना रखा था। इसी बीच पता चला कि यह ठिकाना नायब तहसीलदार नजीर अहमद वानी की दुकान के नीचे बना हुआ था।
हालाँकि, तलाशी के दौरान ठिकाने से कोई हथियार या अवैध सामग्री नहीं मिली, लेकिन सुरक्षाबलों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आतंकी ठिकाने को ध्वस्त कर दिया। वहीं पुलिस ने नायब तहसीलदार नजीर अहमद वानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
अब सुरक्षा एजेंसियाँ तहसीलदार से लगातार मामले को लेकर पूछताछ कर रही हैं। वहीं पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है। इसे लेकर पुलिस ने कुछ स्थानों पर दबिश भी दी है।
बताया जा रहा है कि नायब तहसीलदार नजीर अहमद वानी का एक भाई आतंकी था, जो 1996 में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। इतना ही नहीं इसका एक अन्य करीबी रिश्तेदार लियाकत भी हिजबुल का नामी आतंकी था, जो कि दो साल पहले ही सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
आपको बता दें कि शुक्रवार (22 मई, 2020) को सुरक्षाबलों ने अंसार गजवा-तुल-हिंद और हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को भी गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि इससे पहले 21 मई, 2020 को पुलवामा के प्रिचू में आतंकियों ने पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त पेट्रोल पार्टी पर अचानक से फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें पुलिसकर्मी अनुज सिंह और मोहम्मद इब्राहिम को गोली लगी थी। दोनों घायल पुलिसकर्मियों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ अनुज सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
आतंकी हमले की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में जवानों ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया था।