पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तबलीगी जमात मामले में गैर जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है। राज्यपाल ने ममता बनर्जी पर तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों की तरफ आँख मूँदने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से लुकआउट नोटिस जारी होने के बावजूद ममता सरकार तबलीगी जमात के बांंग्लादेशी सदस्यों की हरकतों को नजरअंदाज कर रही हैं। इसकी वजह से बांग्लादेशी जमाती भारत छोड़कर अपने देश भागने में सफल हो पा रहे हैं।
इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेशी जमात सदस्य जाँच की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना, हरिदासपुर चेक-पोस्ट के माध्यम से भारत छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
धनखड़ ने ईटी को बताया कि उन्हें हाल ही में रिपोर्ट मिली थी कि कुछ दिनों पहले सीमा पर इमिग्रेशन ब्यूरो में 19 तबलीगी जमातियों को बांग्लादेश जाने के दौरान सीमा पर रोक दिया गया और हिरासत में लिया गया था।
राज्यपाल धनखड़ ने उन जमातियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये बांग्लादेशी नागरिक कोलकाता के न्यू टाउन में मदीनात-उल-हुज्जाज के क्वारंटाइन सेंटर में थे, उन्हें बस द्वारा वापस बांग्लादेश भेजा जा रहा था। बांग्लादेश के लिए प्रस्थान करने के लिए हरिदासपुर पहुँचने पर पाया गया कि उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी था।
इन जमातियों को दिल्ली के क्राइम ब्रांच के डीसीपी ने ऑफिस में पेश होने का आदेश दिया था। इससे पहले ही वो चुपके से बांग्लादेश भागने की फिराक में थे। मगर इससे पहले कि वो बस लेकर बांग्लादेश के लिए रवाना हो पाते, उन्हें रोककर हिरासत में ले लिया गया। राज्यपाल धनखड़ ने इसे बहुत बड़ी चूक बताया।
बता दें कि विदेशी तबलीगी जमात के सदस्यों ने भारत के वीजा नियमों की धज्जियाँ उड़ा दी थीं। इसको लेकर उन पर कार्रवाई भी की जा रही है।
इसके अलावा धनखड़ ने ममता सरकार पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने और लॉकडाउन को भी सही तरीके से लागू नहीं करने का आरोप लगाया।
एक तरफ ममता बनर्जी इन आरोपों को खारिज कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ वे कोरोना के बढ़ते मामलों पर खुद को लाचार भी बता रही हैं। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों पर शुक्रवार को कहा, “यह मेरे हाथ में नहीं रह गया। अब मुझे कुछ नहीं करना है। आप अपने बगल में कोरोना के साथ सो सकते हो। इसे अपना तकिया बनाएँ। मुझे माफ करें।”