मेरठ के दरौला थाना क्षेत्र स्थित लोइया गाँव का एक मामला सामने आया है, जहाँ एक युवक ने अपने मजहब की पहचान छिपा कर एक युवती को न सिर्फ झाँसा दिया बल्कि उसे मार भी डाला, उसकी हत्या कर दी। छात्रा की लाश जून 13, 2019 को ही मिली थी लेकिन उस हत्याकांड का पर्दाफाश आज लगभग एक साल बाद हुआ है। आरोपित शाकिब उसे पंजाब से मेरठ लेकर आया था। उसने पीड़िता के 25 लाख रुपए के जेवर भी हड़प लिए थे।
मृतिका पंजाब के लुधियाना में बीकॉम की छात्रा थी। मेरठ निवासी शाकिब ने उसे फँसाने के लिए अपना फर्जी नाम अमन रख लिया था। छात्रा उसके झाँसे में आ गई थी और घर से 25 लाख रुपए की ज्वेलरी लेकर उसके साथ फरार हो गई थी। बाद में मेरठ पहुँचने पर जब उसकी असलियत सामने आई तो छात्रा ने इसका विरोध किया, जिसके बाद शाकिब ने उसके गहने हड़पने के लिए उसे मार डाला। इस राज़ को खुलने में 1 साल लग गए।
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपित को गिरफ़्तार कर लिया है। उसके अलावा 4 अन्य युवकों को भी गिरफ़्तार किया गया है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि पिछले साल सबी अहमद के खेत में पड़ोसी ईश्वर पंडित ने एक कुत्ते को इंसान का हाथ मुँह में लेकर भागते हुए देखा था, जिसके बाद उन्हें शक हुआ। जब गन्ने का खेत खुदवाया गया तो वहाँ से युवती की लाश मिली थी। लाश की सर और हाथ गायब थे। ऐसे में पहचान भी मुश्किल थी।
‘लाइव हिंदुस्तान’ की ख़बर के अनुसार, इसके बाद डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में मिसिंग केसेज की पड़ताल की गई। एसएसपी ने जानकारी दी कि इस छानबीन के बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई थी। इसके बाद पुलिस की एक टीम को ये पता लगाने के लिए मुस्तैद किया गया कि लोइया गाँव के कौन-कौन से लोग हैं, जो बाहर कमाते हैं। एसएसपी साहनी ने बताया कि जहाँ-जहाँ बाहर ये लोग काम करते थे, वहाँ-वहाँ के थानों में जाकर मिसिंग केसेज दिखवाए गए।
जब पुलिस पंजाब पहुँची, तो उसे वहाँ सफलता मिली। एसएसपी ने कहा कि एक साल बाद जब आरोपित का पता लगा कर उसे शिकंजे में ले लिया गया है, तो पुलिस ने राहत की साँस ली है। ये एक साल की मेहनत का परिणाम है। युवती 23 वर्ष की थी। वो लुधियाना के मोतीनगर थाना क्षेत्र की निवासी थी। उसके लापता होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई थी, जहाँ पहुँचने पर यूपी पुलिस को आरोपित की पहचान करने में सफलता मिली।
शाकिब उसी इलाक़े में नौकरी करता था। उसने अमन बनकर प्रेम का जाल फैलाया था। दोनों मई 2019 में वहाँ से फरार हुए थे। दौराला में दोनों ने एक किराए के मकान में एक महीना बिताया था। फिर ईद आई और उस मौके पर शाकिब छात्रा को लेकर मेरठ पहुँचा। वहाँ जाते ही युवती सन्न रह गई क्योंकि उसे वहीं पर पता चला कि ये अमन नहीं शाकिब है और उसने अपनी मजहबी पहचान छिपाई है। इसके बाद हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया।
एक साल पहले मेरठ में एक लड़की एकता देसवाल(पंजाब निवासी) की लाश मिली थी,जो अमन से शादी करके मेरठ आई थी।
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) June 2, 2020
जब उसे पता चला कि जिससे सात फेरे लिए वो मुस्लिम है तब विरोध किया,जिस पर एकता की नृशंस हत्या कर दी गयी। पहचान मिटाने के लिए हाथ-सिर काट दिये।
आज मेरठ पुलिस इसका खुलासा करेगी। pic.twitter.com/X1KWwBzuke
भांडा फूटते ही दोनों के बीच झगड़ों का दौर शुरू हो गया था। एक बार शाकिब उसे बाहर घुमाने के बहाने ले गया। ईद के दिन ही रात 9 बजे उसने कोल्डड्रिंक में नशीली दवा मिला कर छात्रा को पिला दी थी। उसके बाद उसे बेहोशी की हालत में वो खेत में ले गया और उसकी गला रेत कर हत्या कर दी। उसने पहचान छिपाने के लिए सिर और हाथ काटकर कहीं और फेंक दिया था। पुलिस का कहना है कि इस वारदात में वो अकेले नहीं था। सभी से पूछताछ जारी है। बता दें कि ऐसे मामलों को ‘लव जिहाद‘ की संज्ञा दी जाती रही है