वीजा मानकों के उल्लंघन के चलते तबलीगी जमात से जुड़े 2200 से अधिक विदेशियों के 10 साल तक भारत में प्रवेश करने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाबंदी लगा दी है। इससे पहले अप्रैल महीने में 960 विदेशी लोगों को भी मोदी सरकार ने ब्लैकलिस्ट किया था। इनमें चार अमेरिका, नौ ब्रिटिश और छह चीन के नागरिक थे। ये सभी पर्यटक वीजा पर निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
#UPDATE More than 2,200 blacklisted foreign nationals banned for 10 years from travelling to India for their involvement in Tablighi Jamaat activities: Government Sources https://t.co/9b4t5QpkSt
— ANI (@ANI) June 4, 2020
फिलहाल 1,000 से अधिक लोगों को गृहमंत्रालय ने वीजा नियमों का उल्लंघन करने के चलते 10 साल के लिए भारत आने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ तबलीगी जमात से जुड़े प्रतिबंधित विदेशियों की संख्या 2,200 से अधिक हो गई है। दिल्ली पुलिस पहले ही बता चुकी है कि 960 विदेशियों ने मरकज में हुई इस्लामिक सभा में हिस्सा लेकर वीजा नियमों का उल्लंघन किया था।
दरअसल जिन विदेशी लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाया गया था उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में क्वारंटाइन किया गया था। ब्लैकलिस्ट किए गए विदेशियों में 379 इंडोनेशियाई, 110 बांग्लादेश के, 63 म्यांमार के और 33 श्रीलंका के शामिल थे।
अधिकारियों के मुताबिक किर्गिस्तान के 77 नागरिक, 75 मलेशियाई, 65 थाईलैंड, 12 वियतनाम, 9 सऊदी अरब और 3 फ्रांसीसी नागरिक भी वीजा नियमों का उल्लंघन करने वालों में शामिल थे। गृहमंत्रालय ने इन सभी विदेशियों के अगले 10 वर्षों के लिए भारत में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सभी 960 विदेशी तबलीगी सदस्यों को अस्पताल से छुट्टी मिलने और क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने पर देश से निकाल दिया जाएगा।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने कम से कम 700 जमात से जुड़े सदस्यों के पासपोर्ट और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किर लिए हैं। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस उनसे पहले ही पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ में क्राइम ब्रांच ने यह पता लगाने की कोशिश की थी कि उन्हें किस आधार पर वीजा मिला है और उन्हें वीजा दिलाने में किसने मदद की थी।
इसी तरह, 287 में से 211 विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार ने जब्त कर लिए हैं। ये वो विदेशी हैं, जिन्होंने 13 से 15 मार्च के बीच निजामुद्दीन मरकज़ में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित इस्लामिक सभा में हिस्सा लिया था।
दरअसल दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात की ओर से एक इस्लामिक कार्यक्रम का आयोजन मार्च के महीने में किया गया था। इसमें हजारों की संख्या में देश-विदेश के जमातियों ने हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम से निकले लोगों के कारण ही देश में तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ था।
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक तबलीगी जमात द्वारा दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ में हुए कार्यक्रम के दौरान यानी अप्रैल के मध्य तक देश में कुल 14,378 कोरोना वायरस के मामलों सामने आए थे, इनमें से करीब 30% यानी 4291 मामले मरकज से जुड़े हुए थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया था कि कुल 14,378 मामलों में से 4291 (29.8%) मामले निजामुद्दीन मरकज से संबंधित हैं। यहाँ से निकले जमातियों ने कम से कम 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रभावित किया। उन्होंने यह भी कहा था कि तमिलनाडु में 84% मामले, दिल्ली में 63% मामले, तेलंगाना में 79% मामले, उत्तर प्रदेश में 59% मामले और आंध्र प्रदेश में 61% मामले इस घटना से संबंधित हैं।