Saturday, November 23, 2024
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मुस्लिम दंगाई भीड़ की प्रतिक्रिया में 25 फरवरी को बना था व्हाट्सएप ग्रुप, दिल्ली दंगे में एक और चार्जशीट दाखिल

23 फरवरी को दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगे शुरू हुए थे। इस दौरान इस्लामवादी मुस्लिम भीड़ काफी उग्र हो गई थी। बता दें कि ऐसी ही एक दंगाई भीड़ ने आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी थी। उनका शव 26 तारीख की दोपहर को चाँद बाग के नाले से मिला था।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुए हिंदू विरोधी दंगों के दौरान एक व्हाट्सएप ग्रुप की भूमिका सामने आई है। मामले में चार्जशीट दायर किया गया है। इसे 25 फरवरी की दोपहर से 26 फरवरी की मध्यरात्रि के बीच बनाया गया था।

उल्लेखनीय है कि 23 फरवरी को दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगे शुरू हुए थे। इस दौरान इस्लामवादी मुस्लिम भीड़ काफी उग्र हो गई थी। बता दें कि ऐसी ही एक दंगाई भीड़ ने आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा की बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी थी। उनका शव 26 तारीख की दोपहर को चाँद बाग के नाले से मिला था।

जानकारी के मुताबिक यह व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य दंगों के दौरान हुई 9 हत्याओं के जिम्मेदार हैं। इस ग्रुप में लोकेश सोलंकी समेत और भी लोग शामिल थे। शुरुआत में ग्रुप में 125 सदस्य थे। बाद में इसमें से 47 सदस्यों ने ग्रुप को छोड़ दिया। ग्रुप के एडमिन का नाम ऋतिक बताया जा रहा है। ग्रुप के सदस्यों ने एक जगह पर डेरा डाला और फिर वहाँ से गुजरने वाले सभी राहगीरों का पहचान पत्र चेक करके उनकी हत्या कर देते थे। पुलिस ने बताया कि 9 लोगों की हत्या एक ही जगह पर की गई।

इस ग्रुप के सदस्यों द्वारा मारे गए लोगों में अमीन, हमजा, और दो भाई- हाशिम अली और आमिर अली शामिल थे। 12 आरोपितों में से 9 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में चार्जशीट दायर कर दी गई है। इससे पहले ये बात सामने आई थी कि पुलिस ने पाया कि 25 एवं 26 फरवरी की रात एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसमें 125 सदस्य थे।

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में बताया कि ग्रुप के दो एक्टिव सदस्यों से पूछताछ के दौरान उनका मोबाइल फोन स्कैन किया गया और तभी इस व्हाट्सएप ग्रुप के 23 फरवरी के बनाए जाने की बात सामने आई।

बयान में कहा गया कि कुछ ग्रुप के कुछ सदस्य केवल मैसेज भेज और प्राप्त कर रहे थे, जबकि कुछ लोग सक्रिय रुप से दंगे में शामिल थे। बयान में आगे कहा गया है कि दोनों मृतक सगे भाई थे, जिनकी 26 फरवरी को रात 9 से 10 बजे के बीच हत्या कर दी गई थी। सभी आरोपित फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उनके कई जमानत आवेदन खारिज कर दिए गए हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने दंगों को लेकर कई चार्जशीट दाखिल किया है। पुलिस ने चार्जशीट में आम आदमी पार्टी के (अब निलंबित) पार्षद ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपित बनाया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दंगे कराने के लिए ताहिर हुसैन ने करोड़ों ख़र्च किए थे। इस दौरान वह जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद से लगातार संपर्क में था। वो खालिद सैफी से भी सम्पर्क में था। चार्जशीट में कहा गया है कि अंकित शर्मा की हत्या में भी ताहिर हुसैन का हाथ है। 

वहीं हेड कॉन्सटेबल रतनलाल की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करते हुए खुलासा किया कि 2 दिन पहले 22 फ़रवरी को ही 50 लोगों के एक समूह ने बैठक की थी, जहाँ हिंसा की पूरी साज़िश रची गई। दंगाइयों ने अपने घर के बच्चों व बुजुर्गों को पहले ही घर के भीतर रहने को बोल दिया था और ख़ुद हथियार लेकर निकले।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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