Saturday, November 16, 2024
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जयपुर में बाबा रामदेव सहित 5 के खिलाफ FIR दर्ज, कोरोनिल के भ्रामक प्रचार का लगाया आरोप

शिकायतकर्ता बलराम जाखड़ (एडवोकेट) की ओर से दर्ज कराई गई FIR में योग गुरू बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, वैज्ञानिक अनुराग वाष्णेय, निम्स के अध्यक्ष डॉ बलवीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ अनुराग तोमर को आरोपी बनाया गया है।

राजस्थान में शनिवार (27 जून, 2020) को योग गुरु बाबा रामदेव सहित पाँच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में पाँचों लोगों पर कोरोनिल का भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाया गया है।

जयपुर के पुलिस थाने में शनिवार को शिकायतकर्ता बलराम जाखड़ (एडवोकेट) की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में योग गुरू बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, वैज्ञानिक अनुराग वाष्णेय, निम्स के अध्यक्ष डॉ. बलवीर सिंह तोमर और निदेशक डॉ अनुराग तोमर को आरोपी बनाया गया है।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त जयपुर अशोक गुप्ता के मुताबिक राजस्थान उच्च न्यायालय के एक वकील द्वारा ज्योति नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

जानकारी के मुताबिक पाँचों के खिलाफ में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच शिकायत दायर करने वाले अधिवक्ता बलराम जाखड़ ने कहा कि रामदेव और उनके सहयोगियों द्वारा “आपराधिक इरादे को खारिज करने” का दावा किया गया।

शिकायतकर्ता बलराम जाखड़ ने कहा कि 23 जून को रामदेव ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान हरिद्वार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को आयोजित किया था। सम्मेलन के दौरान कई लोग मंच पर थे, और उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कोरोनिल के लिए एक इलाज कोरोनिल विकसित किया है और यह COVID-19 संक्रमित रोगियों को तीन दिन के अंदर ठीक कर देगा।

इसके बाद आयुष मंत्रालय और केंद्र ने इन दावों का खंडन कर दिया और इन दावों से संबंधित सभी दस्तावेजों की जानकारी माँगी, लेकिन अभी तक यह सत्यापित नहीं किया गया कि यह दवा डब्ल्यूएचओ और आयुष मंत्रालय के मापदंडों को पूरा करती है।

वकील बलराम जाखड़ के अनुसार रामदेव का यह प्रयास आपराधिक इरादे की पुष्टि करता है और इसीलिए उन्होंने कानून की विभिन्न धाराओं के तहत ज्योतिनगर पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराई है।

इससे पहले केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद को अंतिम अनुमोदन मिलने से पहले कोविड​​-19 के लिए आयुर्वेदिक दवा का विज्ञापन नहीं करना चाहिए था।

तब आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि कोरोनिल के निर्माण के लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और कहा था कि उन्होंने लाइसेंस प्राप्त करते समय कुछ भी गलत नहीं किया है।

पतंजली कंपनी के अनुसार, कोरोना किट, जो 30 दिनों के लिए है, केवल ₹545 में उपलब्ध कराया जाएगा। बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि इस दवा ने 3-7 दिनों के भीतर ‘100 फीसदी रिकवरी रेट’ दिखाया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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