पिछले दिनों पूर्व जस्टिस पवन कुमार की अगुवाई वाली 4 सदस्यीय समिति की एक रिपोर्ट आई थी। इसमें बताया गया था कि हरियाणा का मेवात ‘मिनी पाकिस्तान’ बन चुका है। जिले के करीब 500 गाँवों में से 103 हिंदूविहीन हो चुके हैं। 84 गाँव ऐसे हैं जहाँ अब केवल 4 या 5 हिंदू परिवार ही शेष हैं।
इस रिपोर्ट के बाद से मेवात में हिंदू प्रताड़ना के कई पुराने मामले चर्चे में आए हैं। इनमें से ही एक मामला रामजीलाल की हत्या का है। कथित तौर पर रामजीलाल की हत्या बीते साल अप्रैल में समुदाय विशेष के लोगों ने कर दी थी और उसके बाद से उनका परिवार गॉंव छोड़कर न्याय की तलाश में भटक रहा है।
रामजीलाल के बेटे मुकेश का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें वो अपने पिता की हत्या और उसके बाद गॉंव छोड़ने की मजबूरी के बारे में बता रहे हैं। साथ ही इसमें वे दावा कर रहे हैं कि उनके पिता को तड़पा-तड़पाकर मारा गया। उनसे कहा कि मुस्लिम बन या भभूड़ में मूत। मुकेश कहते हैं कि आँच को भभूड़ कहते हैं। हिंदू आँच पर पेशाब नहीं करेगा, क्योंकि मौत के बाद उन्हें आग में ही जलना होता है।
मेवात निवासी भाई रामजीलाल को पीटकर मार डाला गया।
— Gaurav Mishra गौरव मिश्रा 🇮🇳 (@gauravstvnews) June 18, 2020
उसके पुत्र बता रहें है वो सरकार को फ़्री में अपनी मेवात की जमीन देने को तैयार हैं।
सेना का कैम्प बनाने के लिए लेकिन किसी शांतिदूत को कब्जा नही करने देंगे। @mlkhattar
सर प्लीज़ इसको जरूर मिलो आप ये सच बोल रहा है। pic.twitter.com/FF6VsOY7SU
मुकेश ने ऑपइंडिया को बताया कि वह हरियाणा के बिछोर गाँव का निवासी है। पिछले साल 7 अप्रैल को उसके पिता रामजीलाल (60) गाँव से करीब दो किलोमीटर दूर अपने खेतों पर एक मुस्लिम युवक की ट्यूबवेल से पानी लगा रहे थे।
उसने बताया, “मैं पिता जी को खाना देकर उनके कहने पर देर शाम को घर वापस आ गया। सब कुछ ठीक था और अगली सुबह जब मैं चाय लेकर पहुँचा तो पिता का शव जगह-जगह से जला हुआ खेत में पड़ा हुआ था। शव को देख मैं जोर-जोर से बिलखने लगा। शव के पास फर्सा, आग में जले कुछ कपडे और कपास बिखरे पड़े थे, जिसकी मदद से आग लगाई गई थी।”
मुकेश के अनुसार इस दौरान उसने पुलिस और सरपंच के पिता इक़बाल को आते देखा। उसने बताया तब तक उसने पुलिस को घटना की सूचना नहीं दी थी। पुलिस ने मेरी नहीं सुनी और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस उल्टा आरोपितों के घर में बैठकर और वापस चली गई।
मुकेश ने बताया कि इसके बाद वह शिकायत लेकर पुलिस थाने गया तो उसे भगा दिया गया। उसने एसपी ऑफिस में भी शिकायत दी, लेकिन आरोपितों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसे दी गई है।
घटना के बाद मुकेश द्वारा पुलिस को लिखित में दी गई शिकायत के मुताबिक हत्या के सबूतों को मिटाने के लिए रामजीलाल को जिंदा जलाया गया। शिकायत में उसने साहून पुत्र अख्तर, अकील पुत्र लियाकत, सहूद पुत्र निज्जा, लियाकत पुत्र रसूल खां निवासी बिछोरा, अतरू पुत्र सूका व खल्ली पुत्र अख्तर निवासी झारोकड़ी पर अपने पिता की हत्या करने का शक जताया है। मोहम्मद और इकबाल इनाम खां को साजिशकर्ता बताया है।
इस सम्बन्ध में बिछोर थाना इंचार्ज भगवती प्रसाद ने बताया कि रामजीलाल की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई थी। उनका बेटा मुकेश झूठी बातें करके माहौल को खराब करना चाहता है। गाँव में पुलिस पर कभी पथराव नहीं हुआ। पुलिस पर लगाए गए आरोप गलत हैं।
लेकिन मुकेश ने बताया कि इकबाल की लड़की अंजुम सरपंच है, लेकिन सरपंच का काम इकबाल ही करता है। पिता ने घटना से 24 घंटे पहले ही उसे और उसकी माँ को बताया था कि इकबाल उनके साथ कुछ भी कर सकता है। मुकेश के मुताबिक इकबाल ने 5-6 लोगों ने साथ मिलकर उसके पिता की हत्या कराई है।
मुकेश का यह भी कहना है कि उसके पिता ने अयोध्या आंदोलन में हिस्सा लिया था। वे विश्व हिंदू परिषद से जुड़े थे। इसके कारण वे मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहते थे।
मुकेश ने बताया कि हत्या के बाद भी मुस्लिमों ने उन्हें बहुत प्रताड़ित किया। आए दिन घर पर ईंट-पत्थर फेंके जाते थे। इसके कारन पिता की तेरहवीं के बाद उनके पूरे परिवार ने गाँव छोड़ दिया।
मुकेश ने बताया कि गाँव में उसके पिता के नाम की करीब तीन किला खेत है। बुवाई के लिए वे चारों भाई साथ जाते हैं लेकिन हर बार मुस्लिम जबरन उनकी फसल को काट ले जाते हैं। अब वे होडल में रेहड़ी लगाकर परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हैं।
मुकेश के मुताबिक गाँव में 90% आबादी मुस्लिम की है। ये लोग आए दिन हिंदुओं के घरों को निशाना बनाते रहते हैं। इसके कारण गाँव से अधिकांश हिंदू परिवार पलायन कर चुके हैं। इतना ही नहीं गाँव का कोई भी हिंदू परवार अपनी लड़की को समुदाय विशेष के डर से बाहर पढ़ने के लिए नहीं भेजता।