28 कुल लेख
केशव मालान
sub-editor
देश-समाज
मुस्लिम बन या भभूड़ में मूत, मेरे पिता को तड़पा-तड़पाकर मार डाला: मेवात के मुकेश का दावा, पुलिस ने बताया- झूठा
हिंदुओं के उत्पीड़न के लिए बदनाम मेवात में रामजीलाल की अधजली लाश खेत में मिली। पीड़ित परिवार का दावा है कि समुदाय विशेष के लोगों ने हत्या की।
देश-समाज
‘गाय का मीट बनाओ, हम सब खाएँगे’ – आदिवासी से ईसाई बने रमेश के घर पादरियों का खेल – VHP के साथ दर्द किया...
एक वीडियो। कैमरे के सामने एक आदमी - धर्मांतरण का पोल खोलता हुआ। झारखंड के औद्योगिक नगरी जमशेदपुर से। लालच-लोभ, गौमांस से खेला जा रहा खेल।
देश-समाज
‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए कहा, फिर मेरे भाई को मारा: कामिल ने लगाया आरोप, दिल्ली पुलिस ने बताया अफवाह
दिल्ली पुलिस के मुताबिक मौजपुर बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के पास अलग-अलग समुदाय के लड़कों के बीच झगड़ा हुआ। लेकिन इसे जय श्रीराम एंगल देकर...
देश-समाज
AMU में हिंदूफोबिया: अरब की तर्ज पर हिंदू छात्रों को बनाया जा रहा निशाना, दी जा रही जान से मारने की धमकी
हिंदू छात्रों के सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही। उन्हें AMU से निष्कासित कराने की योजना बनाई जा रही है।
देश-समाज
बिहार: लॉकडाउन में सरकारी अधिकारी को पुलिसकर्मी ने रोका तो मिली उठक-बैठक की सजा
पुलिस के साथ चौकीदार के रूप में कार्य कर रहे गणेश तात्मा ने लॉकडाउन के दौरान कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोक लिया।
राजनैतिक मुद्दे
बहुत मुश्किल समय है, भारत के गणतंत्र की संस्थाएँ बहुत खतरे में हैं: ‘बेहद डरे हुए’ हामिद अंसारी
मोदी सरकार के बनने के बाद अपने कार्यकाल के आखिरी दिन हामिद अंसारी ने कहा था कि देश के मुस्लिम समुदाय में आज असुरक्षा का माहौल है, अपने आखिरी इंटरव्यू के जरिए हामिद अंसारी ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि भारत का समाज सदियों से बहुलतावादी रहा है, लेकिन सबके लिए ये स्वीकार्यता का माहौल अब खतरे में है।
राजनैतिक मुद्दे
भीम-मीम का नया शिगूफा: जो विशेष मजहब खुद को हिंदुस्तानी नहीं मानते वे आंबेडकरवादी क्या बनेंगे
उदित ने खुद को मुस्लिम हितैशी साबित करते हुए कुछ आँसू अपनी हथेली पर गिराए और लिखा, "बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से प्रताड़ित मुस्लिम भारत में नागरिकता नहीं ले सकते। बाकी शेष अन्य धर्म के लोगों के लिए भारतीय नागरिकता का दरवाजा खुला है। इससे दलित समाज भावुक रूप से आहत हुआ।"
मीडिया
‘द लायर’ ने पैदा किए ‘मुस्लिम पीड़ित’, बिना सबूत कहा ‘जय श्री राम’ कहने वालों ने किया मोलेस्ट
खबर के अंत में लिखे गए एक पैराग्राफ को पढ़कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह से 'जय श्री राम' के प्रयोग से हिंदुओं को न सिर्फ दंगाई बताया गया बल्कि अपनी चापलूसी की सारी हदों को पार कर खबर में अश्लीलता भी परोसी गई कि हिंदुओं ने ही मुस्लिम महिलाओं के सामने अपने पैंट उतारे और उनको अपना लिंग दिखाया।