नोकिया-बीएसएनएल के सहयोग से बना पहला स्मार्ट पोल बीएसएनएल के परिसर में संचालन प्रारंभ करने के लिए तैयार है। इकोनोमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार 21 मार्च (गुरुवार) को इस स्मार्ट पोल का परिचालन प्रारंभ हो सकता है।
यह पोल नोकिया के इंटेलिजेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम का अंग है।
वायु प्रदूषण रोकने में सहायक
इंडिया मोबाइल कॉन्ग्रेस के दौरान प्रेस से बात करते हुए बीएसएनएल के चेयरमैन व मैनेजिंग डाइरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव ने कहा था कि इन पोल्स का विपणन और प्रसार (marketing and deployment) नोकिया और बीएसएनएल संयुक्त तौर पर करेंगे। “यह स्मार्ट पोल्स वायु प्रदूषण के स्तर को समय रहते भाँप कर सम्बंधित विभाग को सूचित कर देंगे। यह परली जलाने पर वायु प्रदूषण के स्तर में तेज़ बढ़ोतरी को भी समय रहते दर्ज कर लेगा (ताकि उसकी रोकथाम हो सके)।
गौरतलब है कि भारत के लिए वायु प्रदूषण एक अति-गंभीर और उतना ही विवादस्पद विषय के साथ-साथ चुनौती भी है। पिछले दो वर्षों से सुप्रीम कोर्ट दिवाली पर पटाखे चलाने पर किसी-न-किसी प्रकार रोक लगाने, या कम-से-कम कमी लाने, के लिए प्रयासरत है।
(यह बात अलग है कि खुद पटाखे बेचने वालों को अवमानना की चेतावनी देने के बाद हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अचानक ही यह सवाल कर डाला कि प्रदूषण के और बड़े-बड़े कारकों, जैसे वाहनों आदि के बदस्तूर जारी रहते हुए आखिर लोग पटाखों से ही क्यों नाराज़ हैं?)
दिल्ली के मुख्मंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी दिल्ली में वाहनों से वायु प्रदूषण रोकने के लिए ऑड-ईवेन फार्मूला लागू करने का प्रयास किया था।
और भी हैं प्रयोग
गत अक्टूबर में बीएसएनएल ने ₹46 लाख प्रति पोल की दर से नोकिया को 50 पोल की आपूर्ति के लिए अनुबंधित किया था।
इन स्मार्ट पोल्स का प्रयोग शहरों में वाई-फाई सुविधा प्रदान करने के लिए (केजरीवाल जी ध्यान दें), मोबाइल टॉवर, स्ट्रीट लाइटिंग और यहाँ तक कि सुरक्षा हेतु सर्विलांस के लिए भी हो सकता है।
5G की दौड़ में भी सहायक
4G की दौड़ में भले ही बीएसएनएल पिछड़ गया हो (बीएसएनएल के 4G प्लान को दूरसंचार विभाग ने हाल ही में मंजूरी दी है जबकि अधिकांश निजी सेवा-प्रदाताओं ने 2016 के अंत से लेकर 2017 की शुरुआत के बीच अपने 4G परिचालन प्रारंभ कर दिए थे), पर इस स्मार्ट पोल उपक्रम के ज़रिए वह 5G की दौड़ में शायद सबसे आगे निकल गया है। तकनीकी पोर्टल TechHerald के अनुसार यह पोल्स बीएसएनएल के आधारभूत ढाँचे को महत्वपूर्ण तकनीकों जैसे 5G व इन्टरनेट-ऑफ़-थिंग्स (IoT) के लिए तैयार करेंगे।