Sunday, September 8, 2024
Homeसोशल ट्रेंडहिंदू देवी-देवताओं को गाली देने वाला अब ब्राह्मणों (बामन) को दिखा रहा नीचा, खुद...

हिंदू देवी-देवताओं को गाली देने वाला अब ब्राह्मणों (बामन) को दिखा रहा नीचा, खुद को कॉमेडियन कहता है संजय राजौरा

"...अगर दुनिया की पहली सर्जरी भारत में हुई भी है तो इसे अच्छे से किया जा सकता था। इससे यह पता लगता है कि कोई भी काम गाँजा फूँक कर नहीं करना चाहिए।"

संजय राजौरा – खुद को स्टैंड अप कॉमेडियन बताते हैं। ये वही हैं, जो कुछ समय पहले तक हिंदू धर्म और उसके रीति-रिवाज़ों पर अनैतिक टिप्पणी करने और अपशब्द कहने के लिए चर्चा में बने हुए थे। एक बार फिर उन्होंने एक ऐसे ही विवाद की शुरुआत की है। इस बार राजौरा ने ब्राह्मण समुदाय के लोगों पर जातिगत टिप्पणी करते हुए नया विवाद खड़ा कर दिया है।   

घनघोर वामपंथी स्टैंड अप कॉमेडियन राजौरा किसी भी लिहाज़ से मज़ाकिया नहीं हैं। साथ ही साथ यह कॉमेडी करने के दौरान जम कर अपशब्दों का उपयोग करते है। इस बार राजौरा ने फेसबुक पर मोटिवेशनल स्पीकर संदीप माहेश्वरी का वीडियो साझा करते हुए अपनी बात कही – लेकिन छेड़छाड़ करते हुए। संदीप माहेश्वरी के वीडियो का छोटा सा हिस्सा पूरी सावधानी के साथ एडिट किया गया। इस वीडियो में वो कोरोना वायरस से पनपी महामारी के बारे में बात कर रहे हैं।   

राजौरा दवारा साझा किए गए वीडियो में संदीप यह कहते हैं कि इस महामारी ने लोगों के ज़हन पर असर डाला है। लोगों पर इस महामारी का मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है। संदीप ने इस पर अपना नज़रिया रखते हुए कहा कि जैसे ही जाँच की संख्या कमेगी, वैसे ही कम से कम मरीज़ सामने आएँगे। इससे मीडिया भी इस मामले पर लोगों में डर और सनसनी नहीं फैला पाएगा।   

वीडियो में संदीप माहेश्वरी का कहना था कि कुछ लोगों का घरों से बाहर निकलना समय की माँग है। जिस तरह से महामारी के दौर में सब कुछ ठप्प और बंद पड़ा हुआ है, ऐसे में ज़रूरी लोगों के बाहर निकलने से अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार होगा। माहेश्वरी का कहना है कि लोग कोरोना वायरस से कम डर रहे हैं बल्कि ख़बरों में जो दिखाया जा रहा है, उससे ज़्यादा डर रहे हैं।   

इसके बाद स्वघोषित कॉमेडियन, अभिव्यक्ति की आज़ादी के असल हिमायती और पुरोधा संजय राजौरा इसमें घुसते हैं। वो इस मामले (वीडियो) पर संदीप माहेश्वरी का मज़ाक बनाने लगे। राजौरा ने संदीप का मज़ाक ही नहीं बनाया बल्कि उन पर जातिगत टिप्पणी भी कर दी।   

संजय राजौरा की टिप्पणी

“आखिर कब ब्राह्मण और बनिया इस तरह की मोटिवेशनल स्पीच देना बंद करेंगे। मेरिट ऐसे ही नजर आता है।”

इस बयान से इतना स्पष्ट था कि राजौरा को संदीप माहेश्वरी के विचार से कोई लेना देना नहीं था। बल्कि संदीप को जातिगत बहस का हिस्सा बनाना था।   

इसी तरह राजौरा ने पिछले हफ्ते भी एक अनैतिक टिप्पणी की थी। तब राजौरा ने तंज करते हुए ने ‘ब्राह्मण’ को ‘बामन’ लिखा था। रेसिज्म (नस्लभेद) पर जमैका के क्रिकेट कॉमेंटेटर माइकल होल्डिंग का एक वीडियो साझा करते हुए राजौरा ने लिखा था, “आज के भारत में नस्लभेद पर बात करने के बाद कुछ बामनों की तरफ से दुष्कर्म की धमकी मिलने लगती है।” 

संजय राजौरा द्वारा साझा किया गया वीडियो

सोशल मीडिया पर राजौरा का एक और वीडियो खूब चर्चा में बना हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने विज्ञान के आधुनिकीकरण और प्राचीन भारत में औषधियों पर एक बयान दिया था। वीडियो में राजौरा ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान का मज़ाक बनाया था

राजौरा ने तब PM मोदी के लिए कहा था, “उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) ने कहा कि दुनिया की सबसे पहली प्लास्टिक सर्जरी भारत में हुई थी। आप जानते हैं किसकी? गणेश जी की। अगर दुनिया की पहली सर्जरी भारत में हुई भी है तो इसे अच्छे से किया जा सकता था। इससे यह पता लगता है कि कोई भी काम गाँजा फूँक कर नहीं करना चाहिए।”

इसके कुछ ही समय बाद ऑनलाइन कार्यक्रम ‘ऐसी तैसी डेमोक्रेसी’ पर मामला भी दर्ज किया गया था। जिसमें राजौरा पर हिंदू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाने और धार्मिक भावनाएँ आहत करने का आरोप लगा था। संजय राजौरा के लिए कॉमेडी के नाम पर गालियाँ और हिंदू विरोधी बातें करना कोई नई बात नहीं है।

अपने ख़त्म कॉमेडी करियर के साथ राजौरा अपने साथ के अन्य वामपंथी स्टैंड-अप कॉमेडियन की तरह सोशल मीडिया पर नेटिज़न के साथ गाली गलौच में उलझे रहते हैं।   

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -