इलाहाबाद हाई कोर्ट में राम मंदिर के भूमि पूजन पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज होने के बाद राहुल गाँधी के करीबी व पत्रकार साकेत गोखले ने एक नया कारनामा किया। साकेत ने उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद शुक्रवार (24 जुलाई 2020) को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर आरएसएस पर निशाना साधा। हालाँकि सच्चाई सामने आने पर गोखले की पोल खुल गई।
साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि कुछ लोग जय श्री राम चिल्लाते हुए उनके घर के बाहर आ गए हैं और उनकी माँ को धमकी दे रहे हैं। इस ट्वीट में उन्होंने ठाणे पुलिस और महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से फौरन मदद की गुहार लगाई।
URGENT:
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) July 24, 2020
RSS WORKERS ARE OUTSIDE MY HOUSE CHANTING JAI SHRI RAM.
THEY JUST THREATENED MY MOTHER.
Request urgent assistance @AnilDeshmukhNCP ji. @Thane_R_Police pic.twitter.com/PQZ85RpQCg
हालाँकि साकेत का ट्वीट दिखते ही सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने सवाल उठाना शुरू कर दिया। कुछ ने कहा कि उन्हें कैसे पता चला कि ये लोग आरएएस के हैं। कुछ ने कहा कि ये उनकी कॉलोनी के ही लोग हैं। हमने इस संबंध में सच्चाई पता लगाने की खातिर आरएसएस के स्थानीय दफ्तर से संपर्क किया।
हमारी बात ठाणे के जिला कार्यवाह जीतेंद्र जोरे से हुई। जीतेंद्र ने आरोपों का खंडन करते हुए हमें बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है। हमारे कार्यकर्ता फिलहाल कोविड सेवा में लगे हुए हैं। उनके पास ऐसे लोगों से उलझने का समय नहीं है जो ट्विटर पर खुद ही ललकारते हैं और खुद ही घबराते हैं।
उन्होंने कहा, “वस्तुतः हमारे पास इतना भी समय नहीं कि हम इन बातों पर ध्यान देते रहें। साकेत गोखले कौन हैं, नहीं हैं, हमें नहीं पता। वो शायद संघ का नाम ले कर कुछ सस्ती लोकप्रियता पाना चाहते हों, तो ईश्वर उन्हें अच्छे कार्य करने की सद्बुद्धि दे।”
गौरतलब है कि एक ओर तो साकेत गोखले ट्विटर पर भाजपा और आरएसएस के लोगों को आतंकी बता रहे हैं। उनसे आखिरी साँस तक लड़ने की बातें कर रहे हैं। साथ ही ऐलान कर रहे हैं कि इनमें से किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो उस चुनौती को स्वीकारेंगे। दूसरी ओर इलाके में कुछ लोगों के मुँह से जय श्री राम सुनकर उन्हें आरएसएस करार दे रहे हैं और ठाणे पुलिस से मदद माँग रहे हैं।
इन सबसे ये साफ पता चलता है कि भाजपा/RSS के प्रति अपार घृणा करने वाला यह व्यक्ति पहले खुद ही बहादुरी की छाती पीटकर पूरे एजेंडे के लिए माहौल बनाता है, फिर खुद ही डरता है, और बाद में खुद ही जीत भी हासिल कर लेगा और ट्वीट करेगा कि संघियों को सबक सिखा दिया मैंने। वास्तविकता ये है कि संघ वालों को इनके अस्तित्व की हवा भी नहीं, क्योंकि वे पूर्ण मनोयोग से राष्ट्रसेवा में लगे हुए।
जानकारी के लिए मालूम हो कि कोरोना महामारी से जंग के बीच 479949 स्वयंसेवक, 85701 स्थानों पर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। 20 मई तक के आँकड़े के अनुसार, आरएसएस ने पूरे देश में राहत कार्यों हेतु 4,79,949 समर्पित स्वयंसेवकों को तैनात किया।
इन समर्पित स्वयंसेवकों ने 85,701 स्थानों पर सेवाएँ दी। 1,10,55,450 लोगों को राशन किट तथा 7,11,46,500 लोगों को खाने के पैकेट वितरित किए गए। साथ ही साथ 62,81,117 मास्क बाँटे गए और 27,98,091 माइग्रेंट वर्कर्स की सहायता की गई। बात इतने पर ही नहीं रुकती, संघ के इन समर्पित स्वयंसेवकों द्वारा 39,851 लोगों को ब्लड भी डोनेट किया गया।
इस संकट के दौरान उनके द्वारा किए जा रहे सहायता कार्यों की सूची इतनी लंबी है कि क्या बताया जाए और क्या छोड़ा जाए। सेवा कार्यों के दौरान संघ के स्वयंसेवकों की तबीयत भी खराब हुई परंतु वे भयभीत नहीं हुए। और अब साकेत गोखले जैसे स्वघोषित पत्रकार सस्ती लोकप्रियता के नाम पर उन्हें घेर कर अपना एजेंडे पूरा करने चले हैं जिन्हें मालूम भी नहीं साकेत गोखले कौन हैं।