Sunday, September 8, 2024
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आजादी के मौके पर पाकिस्तान में 204 हिंदुओं का धर्म परिवर्तन, कबूल करवाया इस्लाम

"हिंदुओं के साथ बुद्ध, पारसी, केलाश और अन्य धर्म पाकिस्तान से गायब हो रहे हैं। यहाँ धर्म परिवर्तन ही जीने का मात्र तरीका है। ऐसा ही अफगानिस्तान, इरान और इराक जैसा अनेक महान सभ्यताओं में भी हुआ था। वहाँ भी अन्य धर्मों का सफाया हुआ। धर्म परिवर्तन करवा के या मारकर। "

एक ओर भारत में 15 अगस्त के दिन 74वें स्वतंत्रता दिवस की खुशियाँ मनाई जा रही थीं। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान में हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का सिलसिला जारी था। स्वतंत्रता दिवस के दिन हुई ये घटना किसी एक परिवार की आपबीती नहीं है। इस दिन पूरे 204 अल्पसंख्यक हिंदुओं का पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन करवाया गया।

पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, धर्म परिवर्तन करने वाले अधिकांश हिंदू भील समाज के थे। इनमें से कुछ अभी हाल में धार्मिक वीजा से हिंदुस्तान से लौटे थे। रिपोर्ट बताती है कि 194 हिंदू सादिकाबाद में रहने वाले हैं जबकि 10 (एक ही परिवार के) रहिमयारखान के निवासी हैं। इस धर्मपरिवर्तन की सूचना जोधपुर में रहने वाले लोक संगठन के प्रेमचंद भील ने दी है। वह लगातार हिंदुओं के संपर्क में हैं और उनके साथ ज्यादतियों को साझा करते रहते हैं।

इसी प्रकार सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा का कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है। ऐसे में वहाँ के अल्पसंख्यक भारत आते हैं। लेकिन यहाँ भी तीन स्तर के अधिकारियों का जाल है और दलाल भी काफी सक्रिय हैं। यहाँ उन्हें सुकून नहीं मिलता। तो वापस जाकर धर्म परिवर्तन का ही रास्ता उनके पास रह जाता है।

गौरतलब है कि जोधपुर में हुआ 11 पाकिस्तानी हिंदुओं के शव वाला मामला पाकिस्तान में काफी चर्चा में है। ऐसे में वहाँ के सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर उस खबर को प्रमुखता से चलाया जा रहा है और अल्पसंख्यकों में भारत के ख़िलाफ़ डर भरने की कोशिश भी हो रही है।

पाकिस्तान के सामाजिक कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन भी इस संबंध में एक खबर को शेयर करते हुए लिखते हैं, “स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तान में एक और तोहफा। हिंदू भील समुदाय के दस सदस्यों ने रहिमयरखां में इस्लाम कबूल कर लिया। यही एक जगह थी जगहाँ हिंदुओं की बड़ी आबादी मौजूद थी। अब 35 जिलों में हिंदुओं को ढूँढ पाना लगभग मुश्किल है। वे वाकई खत्म हो चुके हैं।”

वे अपने अगले ट्वीट में लिखते हैं, “हिंदुओं के साथ बुद्ध, पारसी, केलाश और अन्य धर्म पाकिस्तान से गायब हो रहे हैं। यहाँ धर्म परिवर्तन ही जीने का मात्र तरीका है। ऐसा ही अफगानिस्तान, इरान और इराक जैसा अनेक महान सभ्यताओं में भी हुआ था। वहाँ भी अन्य धर्मों का सफाया हुआ। धर्म परिवर्तन करवा के या मारकर।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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