प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट (www.narendramodi.in) का टि्वटर अकाउंट रात में हैक हो गया था। जॉन विक (John Wick) नाम के हैकर ने अकाउंट हैक करने के बाद कोविड-19 रिलीफ फंड के लिए बिटक्वॉइन में डोनेशन की माँग की।
2-3 सितंबर की रात में 3 बजकर 9 मिनट से 3 बजकर 16 मिनट तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का टि्वटर अकाउंट हैक रहा। इस दौरान हैकर ने कुल चार ट्वीट किए। इनमें से तीन ट्वीट कोविड-19 रिलीफ फंड के लिए पैसे की माँग को लेकर थी।
जॉन विक (John Wick) नाम के हैकर ने हालाँकि चालाकी बहुत दिखाई लेकिन बिटक्वॉइन में डोनेशन की माँग कर वह मूर्खता कर बैठा। आपको बता दें कि भारत में बिटक्वॉइन की कानूनन मान्यता नहीं है। इसलिए संवैधानिक पद (प्रधानमंत्री) की ओर से इस मुद्रा में कोविड-19 रिलीफ फंड के लिए पैसे माँगने पर लोग चौंके और सोशल मीडिया पर उसी तरह के रिएक्शन भी देखने को मिले।
रात के 3 बजकर 16 मिनट पर हैकर जॉन विक ने यह बताया कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल वेबसाइट का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया है। हालाँकि इसके तुरंत बाद PM मोदी के इस पर्सनल ट्विटर अकाउंट को रिस्टोर किया गया और हैकर द्वारा किए गए सभी ट्वीट्स डिलीट कर दिए गए।
हैकर जॉन विक ग्रुप
पेटीएम मॉल की डेटा चोरी में भी इसी हैकर ग्रुप जॉन विक का नाम आया था। साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबल ने तब इस बात का दावा किया था। लेकिन PM मोदी के पर्सनल ट्विटर अकाउंट को हैक करने वाले ने अपने आखिरी ट्वीट में इस बात से इनकार किया है।
ट्विटर और हैकिंग
15 जुलाई को हाई-प्रोफाइल बिजनस लीडर और राजनेताओं के पर्सनल या उनसे संबंधित ट्विटर अकाउंट हैक किए गए थे। ट्विटर के 14 साल के इतिहास में इसे सबसे बड़ा हैकिंग माना गया। इसके बाद ट्विटर ने एक बयान जारी कर कहा था:
“ऐसा कुछ आम हैकरों और इंजिनियरों (social engineering attack) द्वारा एक साथ मिल कर किए गए हैकिंग के कारण हुआ। कुछ लोगों (हैकरों) ने संभवतः हमारे कुछ कर्मचारियों और हमारी आंतरिक प्रणालियों तक अपनी पहुँच बनाने में सफलता पाई। कंपनी (ट्विटर) की आंतरिक प्रणालियों से समझौता हुआ है। इस हैकिंग में ट्विटर यूजर की गलती नहीं है।”