साल 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कॉन्ग्रेस ने रविवार (सितंबर 6, 2020) को 4 कोर कमिटियों की घोषणा की। इसमें पूर्व सांसद जितिन प्रसाद और यूपी कॉन्ग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर को शामिल नहीं किया गया है। ये दोनों नेता उन 23 कॉन्ग्रेसियों में से हैं, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व के मुद्दे पर पिछले दिनों सोनिया गाँधी को पत्र लिखा था। इसके अलावा पूर्व सांसद आरपीएन सिंह को भी इस समिति में जगह नहीं दी गई।
बता दें कि पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रविवार को यूपी के लिए घोषणा पत्र समिति, आउटरीच समिति, सदस्यता समिति और कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के सदस्यों के नाम जारी किए। इन समितियों में कुल 27 वरिष्ठ कॉन्ग्रेस सदस्यों को शामिल किया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, आरपीएन सिंह को लेकर एक नेता ने कहा है कि मुमकिन है चीन मामले पर पार्टी से हट कर अपने विचार बताने की वजह से उन्हें दरकिनार किया गया हो।
वहीं, राज बब्बर के साथ इलेक्शन पोल से जिन जितिन प्रसाद को कॉन्ग्रेस ने अलग कर दिया है, उन्हीं जितिन प्रसाद के लिए कॉन्ग्रेस साल 2019 में परेशान थी, क्योंकि पार्टी को डर था कि उनके युवा नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालाँकि, उस समय सिंधिया की अगुवाई में कॉन्ग्रेस अपने इस नुकसान से बच गई। मगर पिछले दिनों कॉन्ग्रेस नेतृत्व को लिखी गई चिट्ठी के कारण जितिन दोबारा चर्चा में आए और फिर यूपी कॉन्ग्रेस की लखीमपुर खीरी इकाई द्वारा जितिन प्रसाद को पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव दिल्ली भेज दिया गया। इसके बाद अब यह खबर।
कॉन्ग्रेस नेता जितिन प्रसाद के साथ शायद ये सब इसीलिए हुआ क्योंकि सोनिया गाँधी को भेजी गई चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में यूपी से एकमात्र नेता जितिन प्रसाद ही थे। या मुमकिन है उनके इस कदम के बाद लगातार ऐसे हमले होने की वजह ‘उनके पिता भी हों’। जी हाँ, जितिन प्रसाद के पिता कुंवर जीतेंद्र प्रसाद। जिन्होंने पार्टी में रहते हुए न केवल सोनिया गाँधी की अध्यक्षता को चुनौती दे डाली थी बल्कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मैदान में भी आ गए थे।
ये बात साल 2000 की है। जितेंद्र प्रसाद 2000 में सोनिया गाँधी के ख़िलाफ़ संगठनात्मक चुनाव लड़ने मैदान में उतर गए थे। बताया जाता है कि जितेंद्र प्रसाद का वह कदम वंशवाद के ख़िलाफ़ था। उन्होंने राजीव गाँधी की हत्या के बाद 1998 में सोनिया गाँधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर तो कोई विरोध नहीं किया था। मगर, जैसे ही 2000 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव की घोषणा हुई, उन्होंने सोनिया गाँंधी के ख़िलाफ़ पार्टी में रहते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। जहाँ अधिकांश वोट सोनिया गाँधी को गए और वह उन चुनाव हार गए।
पार्टी में वंशवाद के ख़िलाफ़ आवाज उठाने वाले वरिष्ठ नेता जीतेंद्र प्रसाद को यह हार और पार्टी नेताओं की मानसिकता बिलकुल बर्दाश्त नहीं हुई। नतीजतन कुछ ही महीनों में उनकी मृत्यु ब्रेन हैमरेज के कारण हो गई।
कॉन्ग्रेस में चले आ रहे वंशवाद के ख़िलाफ़ ताल ठोकने की बात जब भी उठती है, तब-तब जितेंद्र प्रसाद को याद किया जाता है। हो सकता है हालिया मामले के बाद इसी वाकये को ध्यान में रखते हुए अब कॉन्ग्रेस जितिन प्रसाद को नजरअंदाज कर रही हो।
यह गौर करने वाली बात है कि रविवार को जिन कोर कमिटी के सदस्यों के नाम का ऐलान हुआ, उनमें अधिकांश प्रिंयका गाँधी के करीबी हैं। इन कमिटियों के नाम घोषणा पत्र समिति, विस्तार समिति, सदस्यता समिति, कार्यक्रम क्रियान्यवयन समिति, प्रशिक्षण और काडर डिवलपमेंट समिति, पंचायत इलेक्शन कमिटी, मीडिया और संचार सलाहकार समिति हैं।
किस कमिटी में कौन-कौन
- घोषणापत्र समिति – सलमान खुर्शीद, पीएल पुनिया, आराधना मिश्रा, विवेक बंसल, सुप्रिया श्रीनेत, अमिताभ दुबे।
- विस्तार समिति – प्रमोद तिवारी, प्रदीप जैन आदित्य, गजराज सिंह, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, इमरान मसूद, बाल कुमार पटेल। सभी प्रदेश उपाध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे।
- सदस्यता समिति – अनुग्रह नारायण सिंह, अजय कपूर, बृजलाल खाबरी, मोहम्मद मुकीम, कमल किशोर कमांडो, अजय राय।
- कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति – नूर बानो, हरेंदर मलिक, प्रवीन ऐरॅन, जितेंद्र सिंह, बालकृष्ण चौहान, नसीब पठान, बंसी पहाड़िया, राम जियावन, प्रीता हरित।
- प्रशिक्षण और काडर डिवेलपमेंट समिति – डॉ. निर्मल खत्री, हरेंद्र अग्रवाल, हनुमान त्रिपाठी, सतीश राय, डॉली शर्मा, केशव चंद्र यादव।
- पंचायत इलेक्शन कमिटी – राजेश मिश्र, जफर अली नकवी, राजाराम पाल, प्रदीप माथुर, विनोद चतुर्वेदी, मसूद अख्तर, अजय पाल सिंह। राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भी सदस्य होंगे।
- मीडिया और संचार सलाहकार समिति – राशिद अल्वी, ललितेशपति त्रिपाठी, अखिलेश प्रताप सिंह, सुरेंद्र राजपूत, ओंकार सिंह, विरेंद्र मदान। कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के चेयरमैन इसके पदेन सदस्य होंगे।