Sunday, December 22, 2024
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मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने बोला था झूठ, BARC के ईमेल से खुलासा: अर्नब गोस्वामी ने कहा – माफी माँगिए

भेजे गए ईमेल में BARC ने कहा कि अगर 'ARG Outlier Media Pvt Ltd' के खिलाफ किसी अनुशासत्मक कार्रवाई की शुरुआत की गई होती, तो इस बारे में 'BARC India' सम्बंधित दस्तावेजों के साथ संपर्क करता और प्रतिक्रिया लेता।

पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ पर खुलासा किया है कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने ‘रिपब्लिक’ चैनल को लेकर झूठ बोला। उन्होंने ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया (BARC)’ के इमेल्स के हवाले से ये दावा किया है। BARC ने अपने ईमेल में कहा था कि FIR में ‘इंडिया टुडे’ का नाम है, न कि ‘रिपब्लिक’ का। इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए ‘रिपब्लिक’ ने इन इमेल्स को जारी किया है।

अक्टूबर 17, 2020 को भेजे गए ईमेल में BARC ने कहा कि अगर ‘ARG Outlier Media Pvt Ltd’ के खिलाफ किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की शुरुआत की गई होती, तो इस बारे में ‘BARC India’ सम्बंधित दस्तावेजों के साथ आपसे संपर्क करता, और प्रतिक्रिया लेता। अर्नब गोस्वामी ने पूछा है कि क्या अब परमवीर सिंह इस मामले को बंद करेंगे? अर्नब ने कहा कि BARC ये चीजें सार्वजनिक रूप से नहीं बोल रहा है, इसलिए वो उन इमेल्स को सार्वजनिक रूप से रिलीज कर रहे हैं।

‘रिपब्लिक पर कोई आरोप नहीं’: BARC का ईमेल

अर्नब गोस्वमी ने बताया कि BARC ने कहा है कि उसके पास ‘रिपब्लिक’ या उससे जुड़ी किसी भी कम्पनी के खिलाफ गड़बड़ी के लिए न कोई केस है और न गड़बड़ी की कोई शिकायत है। उन्होंने परमवीर सिंह को ‘झूठा’ बताते हुए कहा कि BARC ने अपने ईमेल में बताया है कि उसे ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ द्वारा किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी किए जाने की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जिन एजेंसी के कंधे पर बंदूक रख कर परमवीर सिंह ने ‘रिपब्लिक’ पर गोली चलाने की कोशिश की, वो 100% झूठ निकला।

अर्नब गोस्वामी ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है लेकिन मुंबई पुलिस कमिश्नर ने जिस तरह से उनके और उनके चैनल के खिलाफ ‘फर्जी कैम्पेन’ चलाया, उसके लिए देश की जनता के सामने वो दोषी हैं। साथ ही ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है:

  1. BARC ने हमें भेजे गए इमेल्स में बताया है कि न तो हमारे खिलाफ और न ही हमारी किसी कम्पनी या चैनल के खिलाफ गड़बड़ी की कोई बात पता चली है।
  2. इसके साथ ही मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा चलाया जा रहा ‘फेक न्यूज़ कैम्पेन’ का खत्म हो गया है।
  3. ‘रिपब्लिक’ के CEO विकास खानचंदानी को भेजे ईमेल में BARC ने इसकी पुष्टि की है। इससे पता चलता है कि पिछले 9 दिनों से विभिन्न समाचार चैनलों पर भी झूठ फैलाया जा रहा था।
  4. ईमेल में कहा गया है कि ‘रिपब्लिक’ के खिलाफ एक भी शिकायत नहीं मिली है। इससे पता चला है कि परमवीर सिंह ने झूठ बोला और उनके आरोप राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित थे।
  5. हमने जनता और देश को हमेशा पहली प्राथमिकता दी है, जिससे हमारे दोनों चैनल अंग्रेजी और हिंदी समाचार चैनलों में अग्रणी बन कर उभरे हैं।
  6. हमारा मानना है कि सच्चाई कैसे भी बाहर आएगी, चाहे उसे कितना भी दबाया जाए। यह मामला इसी का एक उदाहरण बन रहा है।
  7. हम इस मामले में अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। क़ानूनी रूप से हम यहाँ के नियम-कायदों और पत्रकारिता के सिद्धांतों का पालन करते हुए अपना काम करेंगे, भले ही मुंबई पुलिस हमें कितना भी प्रताड़ित करे।

अर्नब गोस्वामी ने ‘इंडिया टीवी’ के रजत शर्मा से भी कहा कि उन्होंने इतने बड़े झूठ को मंच दे दिया, अब उन्हें फिर से अपने शो में चीजें स्पष्ट करनी चाहिए। मेजर गौरव आर्या ने कहा कि परमवीर सिंह ने इस मामले में नैतिकता का भी उल्लंघन किया है। अर्नब गोस्वामी ने परमवीर सिंह से कहा कि वो सार्वजनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के जनता से हाथ जोड़ कर माफ़ी माँगें। उन्होंने कहा कि वो ‘रिपब्लिक’ पर आकर भी सवालों के जवाब दें, लेकिन उनके पास हिम्मत नहीं है।

ज्ञात हो कि मुंबई पुलिस आयुक्त ने अपने बयान में रिपब्लिक मीडिया पर टीआरपी में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उनका दावा था कि रिपब्लिक टीवी ने कई घरों में पैसे देकर अवैध रूप से फर्जी टीआरपी के लिए खेल रचा। बाद में ज्वाइंट कमिश्नर ने भी इस बात को स्वीकारा था कि ‘इंडिया टुडे’ का नाम एफआईआर में है। अर्नब गोस्वामी ने खुलासा किया था कि एफआईआर में इंडिया टुडे का नाम 6 बार लिखा हुआ है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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