वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बेटे अखिल सिब्बल ने बॉलीवुड के एक प्रख्यात प्रोडक्शन हाउस का पक्ष रखते हुए स्वीकार किया कि रिपब्लिक टीवी की दर्शक दीर्घा (audience base) और टीआरपी काफी ज़्यादा है। अखिल सिब्बल ने स्वीकार किया कि दो समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ और ‘टाइम्स नाउ’ अंग्रेज़ी समाचार समूहों की 70 फ़ीसदी व्यूअरशिप का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह दावा ऐसे समय में किया गया है जब अखिल सिब्बल के पिता की पार्टी से बनी महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार ने रिपब्लिक टीवी पर टीआरपी से छेड़छाड़ और ज़्यादा व्यूअरशिप दिखाने के लिए गलत आँकड़े साझा करने का आरोप लगाया है।
Bollywood v. Republic: Delhi HC will shortly commence hearing on plea moved by film production houses against allegedly derogatory reporting by @republic and @TimesNow #ArnabGoswami @navikakumar pic.twitter.com/gqRWsIz5tu
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2020
दिल्ली उच्च न्यायालय में बॉलीवुड के एक प्रख्यात प्रोडक्शन हाउस द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें उन्होंने रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इस मामले पर एक न्यायाधीश की पीठ सुनवाई कर रही है। अखिल सिब्बल ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि समाचार चैनलों को खुद से संयमित रहना सीखना होगा और बॉलीवुड पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने से बचना होगा।
रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ पर मामला
बॉलीवुड की तमाम मशहूर संस्थाओं और प्रोडक्शन हाउसेस ने अक्टूबर के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय में रिपब्लिक टीवी, अर्णब गोस्वामी, प्रदीप भंडारी, टाइम्स नाउ, नविका कुमार और राहुल शिवशंकर पर मामला दर्ज कराया था। मामले में ऐसा कहा गया था कि चैनलों और साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बॉलीवुड और इसके सदस्यों के खिलाफ गैर-जिम्मेदार और अपमानजनक टिप्पणी करने या प्रकाशित करने से बचना चाहिए।
याचिका के अनुसार ऐसा भी कहा गया था कि इन लोगों (समाचार चैनल) ने बॉलीवुड के लिए ‘गंदगी, कचरा, मैला’ (“dirt”, “filth”, “scum”) जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। याचिका के अनुसार, बॉलीवुड के लिए इस प्रकार की टिप्पणी भी की गई थी- “अरब का हर इत्र बॉलीवुड के पेट में मौजूद गंदगी, कूड़े, कचरे और बदबू को हटा नहीं सकता है।”
फेक टीआरपी स्कैम
शुरूआती एफ़आईआर इंडिया टुडे के मुद्दे पर की गई थी न कि अर्णब गोस्वामी के मुद्दे पर। अभी तक अर्णब गोस्वामी और उनके समाचार चैनल को फेक टीआरपी स्कैम वाले मुद्दे पर मुंबई पुलिस निशाना बना रही है। मुंबई पुलिस के मुखिया परमबीर सिंह ने टीआरपी घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी पर गंभीर आरोप लगाए थे और दावा किया था कि यह चैनल नियमों की अनदेखी करते हुए टीआरपी मीटर से छेड़छाड़ करके ज़्यादा व्यूअरशिप दिखा रहा है। इसके बाद हंसा रिसर्च ने इस बात का खुलासा किया था कि उसके कर्मचारियों को रिपब्लिक टीवी के विरुद्ध झूठे बयान नहीं देने पर प्रताड़ित किया जा रहा है।
शिकायतकर्ताओं ने अपने बयान में यह आरोप भी लगाया था कि उन्हें अपने घरों में इंडिया टुडे चैनल देखने के लिए रुपए दिए जा रहे थे। मुंबई पुलिस ने इन सारी बातों को अनदेखा करते हुए रिपब्लिक टीवी पर हमला जारी रखा और इंडिया टुडे को नज़रअंदाज़ किया जिसके चलते मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को काफी अपमान भी झेलना पड़ा था। इस संबंध में बार और बेंच की रिपोर्ट में भी एक हैरान करने वाला खुलासा किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक़ जो कंपनी BARC के Bar-O-Meter देखती है उसने बॉम्बे उच्च न्यायालय में कहा था कि यह मामला मुंबई पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर देना चाहिए।