जूनागढ़ के नवाबों का खानदान पाकिस्तान में रह रहा है और वहीं से जूनागढ़ को पाकिस्तान में मिलाने के ख्वाब देखता रहता है। जूनागढ़ गुजरात में गिरनार की पहाड़ियों की तलहटी में बसा हुआ है। कभी यहाँ नवाबों का शासन हुआ करता था। पाकिस्तान ने अपने नए नक़्शे में जम्मू कश्मीर के साथ-साथ जूनागढ़ पर भी दावा ठोक दिया, जिससे नवाब खानदान खुश है। जूनागढ़ के तथाकथित नवाब जहाँगीर खान ने अपने बेटे अहमद अली को नया ‘दीवान (वजीर-ए-आजम)’ नियुक्त कर दिया है।
हालाँकि, इससे न तो जूनागढ़ की स्थिति पर कोई फर्क पड़ता है और न ही पाकिस्तान को कुछ हासिल होने वाला है। जहाँगीर खान बार-बार कहता रहता है कि ‘जूनागढ़ पाकिस्तान बनेगा’। साथ ही वो भारत पर अवैध रूप से जूनागढ़ पर कब्ज़ा करने के आरोप भी मढ़ता रहता है। उसने दोहराया कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहते हैं कि जूनागढ़ भविष्य में पाकिस्तान में वापस आएगा। ‘दीवान’ अहमद अली ने भी ‘भारत से आज़ादी’ की माँग की।
उसने ऐलान किया कि वो जल्द ही एक अभियान की शुरुआत करेगा, जिससे पूरी दुनिया को पता चले कि जूनागढ़ भारत का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का हिस्सा है। जहाँगीर खान ने तो भारत को ‘कपटी और दोहरे रवैये’ वाला देश तक करार दिया। पाकिस्तान में आयोजित एक कार्यक्रम में ये सब नौटंकी की गई। इससे पहले एक इंटरव्यू में जहाँगीर खान ने कहा कि भारत लगातार अल्पसंख्यकों के हितों की अनदेखी कर रहा है।
उसने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने 1947 में ‘अवैध रूप से’ जम्मू कश्मीर पर ‘कब्ज़ा’ कर लिया था। उसने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के हिसाब से ‘कश्मीर समस्या’ के निदान की बात की। नवाबों का ये खानदान भारत के डर से भाग कर कराची में रह रहा है। जहाँगीर ने दावा किया कि तत्कालीन नवाब महाबट खान III ने कथित ‘जूनागढ़ स्टेट काउंसिल’ की सहमति के बाद राज्य को भारत में मिलाने का ऐलान किया था।
उसने दावा किया कि जूनागढ़ में भारत ने झूठा रेफेरेंडम कराया और बाकी काम भारतीय सेना ने कर दिया। वो अक्सर बलूचिस्तान सरकार के बड़े नेताओं से मिल कर भी यही रट लगाता रहता है। पाकिस्तान ने अपने नक़्शे में जूनागढ़ सहित गुजरात के कई हिस्सों पर दावा ठोका है। उसने कहा कि ‘बंदूक की नोंक’ और जूनागढ़ को हथियाया गया। साथ ही उसने जम्मू कश्मीर में भी रेफेरेंडम की माँग की और दावा किया कि इससे सब ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा। पाकिस्तानियों ने जूनागढ़ पर दावा ठोकते हुए ट्वीट्स भी किए:
Alhamdullilah
— Sultan Ahmed Ali (@SultanAhmadAli) December 10, 2020
Honoured to be officially recognized Prime Minister (Dewan) of Junagadh State.#جوناگڑھ_ہے_پاکستان#جوناگڑھ_کا_وزیراعظم pic.twitter.com/4DCJAUvpnn
गौरतलब है कि आजाद भारत में रियासतों के विलय का जिम्मा सरदार वल्लभभाई पटेल को सौंपा गया था। उन्होंने हैदराबाद, जूनागढ़ जैसी पेचीदा रियासतों को भी बड़ी सरलता से भारत में विलय करवाया था और सबका यही मानना था कि अगर जम्मू कश्मीर का मसला उनके हाथों होता तो वह उसका भी समाधान कर लेते। लेकिन, तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूरा मसला अपने हाथ ले लिया।