वामपंथियों द्वारा किसान आंदोलन को हाईजैक किए जाने की बातें सामने आने के बाद अब खबर आई है कि वामपंथियों का मीडिया समूह सैनिकों का नाम लेकर झूठ फैला रहा है। दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन के समर्थन में 25000 सैनिकों ने अपने शौर्य चक्र मेडल वापस कर दिए हैं। जबकि हकीकत ये है कि अभी तक इतने सैनिकों को शौर्य चक्र से सम्मानित ही नहीं किया गया।
पीआईबी फैक्ट चेक के अनुसार, प्रजाशक्ति नाम के अखबार में यह दावा किया गया है। इस अखबार की एक खबर में लिखा है कि 25,000 भारतीय सैनिकों ने किसान आंदोलन के समर्थन में अपने शौर्य चक्र को वापस किया। अब इसी दावे का फैक्ट चेक करते हुए पीआईबी ने इसे फर्जी घोषित किया है।
Claim: Prajasakti newspaper has claimed that 25000 soldiers of the #IndianArmy have returned their Shaurya Chakra medals in solidarity with farmers’ protest.#PIBFactCheck: This news is false. Only 2048 #ShauryaChakra have been awarded from 1956 till 2019. pic.twitter.com/9HcZYrqXqa
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 15, 2020
अपने ट्वीट में पीआईबी ने कहा, “प्रजाशक्ति अखबार का दावा है कि किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 25000 सैनिकों ने शौर्य चक्र लौटाए। लेकिन यह खबर फर्जी है। 1956 से 2019 तक में केवल 2048 शौर्य चक्र दिए गए हैं।”
बता दें कि प्रजाशक्ति अखबार कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शुरू किया गया तेलुगु अखबार है। इसकी स्थापना 1981 में हुई थी। विकिपीडिया के मुताबिक कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की ओर से यह प्रकाशित होता है और इसका स्वामित्व भी मार्क्सवादी पार्टी पर है।
ऐसी फर्जी जानकारी पर प्रोपगेंडा का भंडाफोड़ होने के बाद लोगों का कहना है कि आखिर प्रजाशक्ति जैसे अखबार झूठी खबर बिना तथ्य जाँजे क्यों प्रकाशित करते हैं। आखिर इनके ऊपर कार्रवाई कब होगी?
बता दें कि इससे पहले सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार को नकारात्मक दिखाने के लिए एक वीडियो में कहा गया था कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए, सेना को बुलाया गया है। हालाँकि एजेंसी ने इस झूठ की भी पोल खोली थी और बताया था कि दावा गलत है। यह सैनिकों की नियमित आवाजाही का एक वीडियो था और किसान प्रदर्शन के साथ इसका कोई भी सम्बन्ध दुर्भावनापूर्ण और गलत है।