आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा, दोनों दलों के पार्षद पूर्वी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन में सोमवार (दिसंबर 28, 2020) की सुबह धन के कथित दुरुपयोग को लेकर आपस में भिड़ पड़े। जुबानी भिड़ंत के साथ-साथ दोनों पार्टियों के नेताओं में जमकर भिड़ंत हुई और जूते-चप्पल भी चले।
#WATCH Uproar by Aam Aadmi Party and Bharatiya Janata Party councillors over misappropriation of funds and Centre’s farm laws, at the office of East Delhi Municipal Corporation, in Delhi today pic.twitter.com/egpKhakUxD
— ANI (@ANI) December 28, 2020
सोमवार सुबह दिल्ली, ईस्ट एमसीडी कार्यालय के अंदर जमकर हंगामा हुआ। पूर्वी दिल्ली निगम में भाजपा के 47 नगरसेवक हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार नगर निगम के इस्तेमाल के लिए फंड जारी नहीं कर रही है।
भाजपा पार्षद दिल्ली सरकार पर निगम कर्मचारियों की सैलरी के लिए पैसा रिलीज नहीं करने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। इस बीच दोनों पार्टियों के पार्षद आमने-सामने आ गए और बात हाथापाई तक पहुँच गई।
वीडियो में दोनों दलों के सदस्य एक-दूसरे के साथ हाथापाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं। भाजपा के आरोपों के जवाब में, AAP ने भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उत्तरी नगर निगम में कथित तौर पर 2500 करोड़ रुपये घोटाले को लेकर AAP पार्षद हंगामा करने लगे। AAP पार्षदों ने माँग की कि महापौर इसकी जाँच CBI से कराएँ।
हंगामा इतना बढ़ गया कि एमसीडी कार्यालय में पार्षद एक-दूसरे पर जूते- चप्पल लहराने लगे। सदन में AAP पार्षद मोहिनी जीनवाल के हाथ में चप्पल और भाजपा पार्षद नीतू त्रिपाठी के हाथ में जूता देखा गया। महापौर ने नेता प्रतिपक्ष मनोज त्यागी और AAP पार्षद मोहिनी जीनवाल को सदन की कार्रवाई बाधित करने के आरोप में 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हंगामे को लेकर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों की ओर से दिल्ली के पटपड़गंज थाने में भाजपा पार्षद बिपिन बिहारी सिंह, संतोष पाल और कन्हैया लाल के खिलाफ शिकायत दी गई है। शिकायत में तीनों भाजपा पार्षदों पर मारपीट का प्रयास, धक्का मुक्की और गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करने की माँग की गई।
इससे पहले, 18 दिसंबर को भी एमसीडी फंडों की कथित हेराफेरी को लेकर दिल्ली विधानसभा में इसी तरह का हंगामा देखने को मिला था। AAP विधायकों ने कथित 2,500 करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई जाँच की मांग के लिए विधानसभा में नारेबाजी की और बैनर लगाए थे।