लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला को लेकर सोमवार (जनवरी 4, 2021) को खबर आई थी कि उनका चयन यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज को लेकर किया है। इसके बाद से सोशल मीडिया में उनके चयन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे। दावा किया जा रहा है कि बिना परीक्षा दिए ही अंजलि का नाम चयनित अभ्यर्थियों की सूची में आ गया, क्योंकि वह भाजपा नेता की बेटी हैं।
कई कॉन्ग्रेस समर्थक समेत ट्विटर यूजर्स ने इसे नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म कहा। उनकी कई मॉर्डन तस्वीरें शेयर करके ये दावा किया गया कि वह तो मॉडल हैं और उन्हें केवल उनके लुक्स पर चुन लिया गया, उन्होंने कोई एग्जाम नहीं दिए।
This is the new IAS Sahiba Lok Sabha Speaker BJP MP Om Birla’s daughter sitting at home without giving exams, became IAS from reserved quota. pic.twitter.com/QtK2t1ZJ47
— Manish Kumar (@ManishKumarttp) January 7, 2021
विपक्षियों ने इस दौरान यह भ्रम फैलाया कि सिविल सर्विस में राजनेताओं का कोटा होता है और अंजलि उसी कोटे के जरिए चुनी गई हैं। अब सच क्या है? क्या देश की सबसे बड़ी परीक्षा में आरक्षण के जरिए कोई बिना परीक्षा दिए चुना जा सकता है? जवाब है- नहीं।
ओम बिड़ला लोकसभा अध्यक्ष की बेटी बगैर परीक्षा के IAS बनी। बदलता भारत..अंधभक्तो बताओ जो प्रतिभागी दिल्ली जाकर कोचिंग करके रात दिन एक कर देते हैं IAS बनने के लिए उनका क्या कसूर है?@ravishndtv@OBCARMYCHIEF @HansrajMeena @VijayPrakashJi @Komalmeena0403 @anjanaomkashyap pic.twitter.com/9J8729ZeDP
— Lavkush (@LAVKUSH88389086) January 7, 2021
सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे इल्जाम पूरी तरह से फर्जी हैं। रिजर्व लिस्ट का मतलब रिजर्व कोटा नहीं होता। हकीकत में यूपीएससी दो लिस्ट बनाती है। एक मेन लिस्ट और दूसरी रिजर्व लिस्ट। मेन लिस्ट तत्काल प्रकाशित कर दिया जाता है, लेकिन रिजर्व लिस्ट गोपनीय रखी जाती है। ये लिस्ट तब पब्लिश होती है जब मेन लिस्ट के सभी कैंडिडेट को सीट अलॉट हो जाती है।
ओम बिरला सबको पता ही होगा उसकी बेटी है ये, ..जिसे मोदी द्वारा IAS की रिजर्व रखी गई सीटों में ज्वाइन कराया गया है अब ऐसे ही नमूने आईएएस बन रहे है !!😆 pic.twitter.com/mHgBmxGENg
— Satwant Singh Rana (@Satwant_Rana_) January 7, 2021
ओम बिड़ला की बेटी मॉडल अंजलि बिड़ला को बिना परीक्षा दिए आई ए एस बना दिया ।
— Brajesh Yadav (@BrajeshbairiaSP) January 7, 2021
अंधभक्तो क्या बोलते हो? सबसे विस्वसनीय upsc संघ लोक सेवा आयोग 2019 की परीक्षा में927 में से 828 वेकेंसी का रिजल्ट 4अगस्त घोषित किया ।89 वेकेंसी अपने चहेतों को बैकडोर से आई ए एस बना दिया pic.twitter.com/FGll8FGDmr
यह सिविल सेवा परीक्षा नियम, 2019 के नियम -16 (4) और (5) के अनुसार किया जाता है। इस नियम के अनुसार, मुख्य सूची में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर उम्मीदवारों की कुल संख्या में कटौती की जाती है, जो निर्धारित सामान्य योग्यता स्तर पर या उससे अधिक योग्यता प्राप्त करते हैं। नतीजतन, उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों के अनुसार, उम्मीदवारों की कटौती की गई संख्या के लिए एक आरक्षित सूची तैयार की जाती है।
पहले UPSC में चयन के लिए कड़ी मेहनत से पढ़ना पड़ता था पर अब ये जरूरी नहीं ,अब संघियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बच्चों का चयन बड़ी आसानी से हो रहा हे
— OBC Mahendra lodhi 🇮🇳 (@OBCARMYCHIEF) January 7, 2021
नई IAS साहिबा भाजपा के लोकसभा स्पीकर संघी ओम बिड़ला की बेटी अंजलि बिरला है….👇@ombirlakota pic.twitter.com/iBuRD4OP09
इस नियम को बनाने की वजह यह है कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार जो सामान्य मानकों पर चुने गए होते हैं, वे सामान्य श्रेणी के बजाय अपनी आरक्षित स्थिति के आधार पर सेवाओं और कैडर का चयन करना चाहते हैं, तब सामान्य श्रेणी की सीटें खाली रह जाती हैं। बची हुई सीटों को भरने के लिए आरक्षित सूची के उम्मीदवारों का उपयोग किया जाता है, जिसमें सामान्य और आरक्षित श्रेणी, दोनों उम्मीदवार होते हैं।
अब चूँकि यह ज्ञात नहीं होता कि जनरल कैटेगरी में पास होने वाले कितने रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थी रिजर्व कैटेगरी की पोस्ट लेते हैं और कितने जनरल कैटेगरी के, तो इसलिए रिजर्व लिस्ट को सिर्फ़ मेन सूची में चुने गए नामों को सीट मिलने के बाद ही जारी किया जाता है। जैसे ही सारी प्रक्रिया पूरी होती है फिर मेरिट के हिसाब से रिजर्व लिस्ट निकलती है।
इसलिए, ये साबित होता है कि यूपीएससी में आरक्षण का कोटा नहीं होता। ये बिलकुल ऐसा है जैसे सेकंड मेरिट लिस्ट निकलती है या कोई वेटिंग लिस्ट निकलती है। ये प्री और मेन परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों में से निकाली जाती है। किसी प्रकार का अलग से आरक्षण नहीं होता।
पिछले साल देखें तो कुल वैकेंसी 927 थी। लेकिन रिजल्ट केवल 829 अभ्यार्थियों का निकला। यानी बाकी की सीट रिजर्व लिस्ट के लिए बची थी। जिसका मतलब साफ है कि 98 आरक्षित छात्रों ने सामान्य सूची के अभ्यार्थियों के लिए तय मानकों पर नंबर पाए और इनमें से 89 कैंडिडेट ने जनरल कैटेगरी के लोगों के लिए खाली सीटों को नहीं चुना। इसलिए अब उन सीट पर रिजल्ट घोषित हुआ। इन्हीं में से एक ओम बिरला की बेटी हैं।
इस 89 अभ्यार्थियों की सूची में 73 सामान्य सूची, 14 ओबीसी, 1 EWS, 1 अनुसूचित जाति के कैंडिडेट हैं। अंजलि का नाम 67वें स्थान पर है। इसका अर्थ है कि उन्होंने परीक्षा दी और उसे उत्तीर्ण करने वाले अंक भी प्राप्त किए। इसलिए ये कहना बिलकुल गलत है कि केवल भाजपा नेता की बेटी होने के नाते उनका चुनाव सिविल परीक्षाओं के लिए किया गया।