Monday, November 25, 2024
Homeराजनीतिउस्मानाबाद का नाम बदलकर 'धाराशिव' करने की तैयारी, संभाजी नगर पर कॉन्ग्रेस-शिवसेना में चल...

उस्मानाबाद का नाम बदलकर ‘धाराशिव’ करने की तैयारी, संभाजी नगर पर कॉन्ग्रेस-शिवसेना में चल रही है तनातनी

कॉन्ग्रेस ने इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया है। कॉन्ग्रेस के मुताबिक़ किसी भी शहर का नाम बदले जाने के पहले उसकी ऐतिहासिक और सामाजिक पृष्ठभूमि अच्छे से पढ़ी जानी चाहिए।

महाराष्ट्र में शहरों का नाम बदलने को लेकर महा विकास अघाड़ी के साझेदारों में विवाद चल रहा है। इस बीच शिवसेना ने उस्मानाबाद का नाम ‘धाराशिव’ रखने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय ने एक ट्वीट में इस नाम का उल्लेख किया है।

औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखने को लेकर शिवसेना और कॉन्ग्रेस के बीच पहले से ही तनातनी चल रही है। हालॉंकि इस मसले पर पीछे नहीं हटने के संकेत उद्धव पहले ही दे चुके हैं। ऐसे में उस्मानाबाद का नाम बदलने को लेकर दोनों दलों का मतभेद और गहरा सकता है।

बुधवार (13 जनवरी 2021) को महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा किए गए ट्वीट में उस्मानाबाद को ‘धाराशिव’ कहा गया। यह ट्वीट मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले से संबंधित था।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए ट्वीट में एक तस्वीर के साथ बताया गया है कि धराशिव-उस्मानाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। यह 100 छात्रों की क्षमता और 430 बेड का अस्पताल होगा।

इससे पहले इसी तरह ट्वीट में औरंगाबाद को संभाजी नगर बताया गया था। अब इस ट्वीट के ज़रिए शिवसेना ने अपने सहयोगी दलों (कॉन्ग्रेस, एनसीपी) को स्पष्ट संदेश दिया है कि शहरों का नाम बदलना अभी भी पार्टी के एजेंडा में है।   

कॉन्ग्रेस ने इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया है। कॉन्ग्रेस के मुताबिक़ किसी भी शहर का नाम बदले जाने के पहले उसकी ऐतिहासिक और सामाजिक पृष्ठभूमि अच्छे से पढ़ी जानी चाहिए। महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने इस मुद्दे पर कहा, “उस्मान निज़ाम साम्राज्य का सातवाँ राजा था। उस्मान ने लगभग 14 हज़ार एकड़ ज़मीन विनोबा भावे को उनके अभियान के लिए दान कर दी थी, जिसके तहत उन लोगों को ज़मीन दी जा रही थी जिनके पास बिलकुल ज़मीन नहीं थी। उस अभियान के दौरान तमाम मशहूर लोगों ने अपनी ज़मीन विनोबा भावे को दान की थी और उन्होंने ज़मीन मजदूरों को दी थी।”

सावंत के अनुसार उस्मान ने 1965 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान 5 टन सोना दान किया था जिसकी कीमत आज के हिसाब से लगभग 1600 करोड़ रुपए होगी और यह भारतीय इतिहास में किए गए सबसे अधिक दान में एक है। इसके अलावा उसने तमाम अस्पताल, डैम, विश्वविद्यालय और सड़कें बनवाई और हमेशा ज़रूरतमंदों की मदद की।

वहीं शिवसेना ने अपने इस कदम को लेकर दो टूक जवाब दिया है। पार्टी ने कहा कि वह हिन्दुत्व की विचारधारा के रास्ते पर ही चलेगी। भले गठबंधन में कॉन्ग्रेस और एनसीपी उनके सहयोगी दल हैं।          

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

UP की जिस सीट पर 64% मुस्लिम, वहाँ BJP के ‘रामवीर’ ने सबकी करवा दी जमानत जब्त: जानिए क्यों है यह जीत खास, क्या...

मुरादाबाद के मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर भाजपा के ठाकुर रामवीर सिंह की प्रचंड जीत ने भाजपा-संघ को आत्मविश्वास से भर दिया है।

वादा अच्छी जिंदगी का, पर भोजन को भी मोहताज: इस्लामी मुल्कों में घुट रही पंजाब की लड़कियों की सिसकियाँ, कुछ ही लौट पाती हैं...

पंजाब के एक दर्जन से अधिक जिलों की 100 से अधिक महिलाएँ पिछले 2 वर्षों में खाड़ी देशों लौट कर वापस आई हैं जिन्हे प्रताड़ित किया गया था।
- विज्ञापन -