Sunday, November 24, 2024
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किसान रैली के लिए 308 पाकिस्तानी ट्विटर अकाउंट सक्रिय, ट्रैक्टर रैली की भी अनुमति… किसान नेता फिर भी नाखुश

किसानों को 168 किलोमीटर ट्रैक्टर रैली की अनुमति मिल गई है। यह तब हुआ है, जबकि ट्विटर पर 308 अकॉउंट ऐसे हैं, जो पाकिस्तान में बने और किसानों की रैली में माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। लेकिन किसान नेता अभी भी...

दिल्ली पुलिस के साथ कई दौर की बातचीत के बाद किसानों को 26 जनवरी पर ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति मिल गई है। बस पुलिस की शर्त है कि गणतंत्र दिवस की परेड को किसी हालत में बाधित नहीं किया जाएगा। रविवार को दिल्ली पुलिस ने कहा कि ट्रैक्टर रैली रिपब्लिक डे परेड के बाद निकाली जाएगी। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होंगे।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया , “बैरीकेड और अन्य सुरक्षा प्रबंधों को हटाकर राष्ट्रीय राजधानी में किसानों को आने दिया जाएगा और बाद में वह तय दूरी कवर करने के बाद दोबारा अपनी जगह पर लौट जाएँगे।”

पुलिस का कहना है कि रैली तीन भागों में निकाली जाएगी। पहली सिंघू बॉर्डर से निकलेगी और करीब 62 किमी की दूरी तय करेगी। इसके बाद टीकरी सीमा से निकलेगी, जो 60 किमी का रूट कवर करेगी और गाजीपुर सीमा से निकलने वाली 46 किमी का रूट कवर करेगी।

पुलिस का कहना है कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर लगभग 12000 से 13000 ट्रैक्टर पहुँचे हैं। टीकरी में यह संख्या 7000 से 8000 है, सिंघू में लगभग 5000 और गाजीपुर सीमा पर लगभग 1000 है, जो आने वाले दिनों में बढ़ने की उम्मीद है। पुलिस ने खूफिया सूत्रों से मिली जानकारी का हवाला देता हुए कहा कि कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो माहौल बिगाड़ने का प्रयास करें।

पुलिस ने बताया है कि ट्विटर पर करीब 308 अकॉउंट ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जो पाकिस्तान में बने और अब भ्रम पैदा करके किसानों की रैली में माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। पुलिस की साइबर टीम लगातार ऐसे सोशल मीडिया अकॉउंट पर नजर बनाए हुए हैं।

दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मियों समेत सीएपीएफ और अन्य बलों को परेड के बाद शॉर्ट नोटिस में पोजिशन पर तैनात किए जाने के संबंध में व्यवस्था आदेश हैं।

परेड की जानकारी देते हुए स्पेशल कमिशनर ने बताया, “रैली सिंघू सीमा से शुरू होगी और संजय गाँधी ट्रॉन्सपोर्ट नगर, कंझावला, बवाना, औचंदी बॉर्डर, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से होकर गुजरेगी और सिंघू बॉर्डर पर वापस आ जाएगी। यह लगभग 62 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। पुलिस टीमों ने इन मार्गों का आकलन किया है।”

टीकरी सीमा से, किसानों को वह मार्ग दिया गया है जो नांगलोई, नजफगढ़, झरोदा, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से होकर गुजरेगा और फिर वापस टिकरी बॉर्डर पर जाएगा। वे भी लगभग 63 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।

गाजीपुर बॉर्डर से किसान ट्रैक्टर रैली अप्सरा बॉर्डर, हापुड़ रोड कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से होकर गुजरेगी और गाज़ीपुर में समाप्त होगी। उन किसानों के समूह 46 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। 

पुलिस के अनुसार, यह काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है। उन्होंने इस संबंध में हरियाणा और यूपी के पुलिस अधिकारियों से बात की है। ये भी बताया है कि उन्होंने ट्रैक्टर को इस तरह से बाँटा है कि सारी रैली अच्छे से निपट जाएगी। पुलिस उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाएगी। संयुक्त मोर्चा किसान की ओर से आश्वस्त किया गया है कि वह जहाँ से निकलेंगे, वहाँ दोबारा लौट जाएँगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को पुलिस से बातचीत में कहा कि सिर्फ़ ट्रैक्टर और ट्रॉलियाँ ही मार्च में भाग लेंगी। किसी के पास किसी प्रकार के हथियार नहीं होंगे। एक डंडा भी नहीं। एक ट्रैक्टर पर मुश्किल से 5 लोग ही बैठेंगे। कोई बॉनेट, बंपर या फिर ट्रैक्टर के ऊपर नहीं बैठेगा। 

रैली में भाग लेने वाले लोगों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने साथ 24 घंटे के राशन, पानी और ठंड से बचने का इंतजाम करते हुए चलें। किसान संगठन ने कहा है, “इस परेड के माध्यम से हमें देश और दुनिया को अपनी दुर्दशा के बारे में बताना है… हमारी जीत बहुत शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जाने वाली परेड में है… हमारा उद्देश्य दिल्ली को जीतना नहीं है, बल्कि इस देश के लोगों का दिल जीतना है।”

इसमें यह भी कहा गया है कि कोई ट्रक कारों को ओवरटेक नहीं करेंगे, जिसमें किसान नेता होंगे। कोई गाना भी इस दौरान नहीं बजेगा। पुलिस से न उलझने और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को रोकने की अपील भी किसान एकता मोर्चा की ओर से की गई है। 

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की अनुमति के बावजूद कई संगठन नाराज हैं। बीकेयू उग्रहन उन रास्तों पर रैली निकालने को लेकर खुश नहीं हैं, जो उन्हें असाइन किए गए। उनके अनुसार उन्हें सुझाए गए मार्गों में कहा गया है कि ट्रैक्टर मार्च को टीकरी से नांगलोई की ओर बढ़ना चाहिए, लेकिन उनके मुताबिक वह नांगलोई तक नहीं पहुँच सकते क्योंकि अन्य संगठनों के पंडाल उनके रास्ते में आते हैं।

इसी तरह किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सबहरा कहते हैं, “हमें लगता है कि ट्रैक्टर रैली के लिए हमें जिस तरह की अनुमति दी गई है, वह सही नहीं है। हम पुराने रिंग रोड पर जाना चाहते थे, लेकिन हमें सशर्त अनुमति दी गई और उस हिस्से को सौंपा गया, जो बड़े पैमाने पर हरियाणा के अंतर्गत आता है।”

वह कहते हैं, “हम बस यही कह रहे हैं कि हम वहाँ नहीं जाना चाहते, हम सिर्फ रिंग रोड पर जाना चाहते हैं। हम इस पर पुलिस के साथ एक बैठक करेंगे। इसके बाद तय किया जाएगा कि हम आखिर कहाँ जाएँगे। बैठक के बाद, हम रैली का समय और मार्ग तय करेंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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