विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों की तलाश की खबरों के बीच आईटी सेक्टर से अच्छी खबर आई है। विपक्षी पार्टी लगातार मोदी सरकार को रोजगार को लेकर घेरती रहती है, मगर ये खबर मोदी सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि को दर्शाता है और साथ ही विरोधियों को जवाब भी देता है, जो रोजगार को लेकर सरकार को निशाना बनाती रही है। फॉर्च्यून द्वारा इसी हफ्ते जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में प्रमुख आईटी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस ने इसके पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42,000 अधिक तकनीकी वर्करों को नौकरियों पर रखा है। दोनों कंपनियों की नई भर्तियों में 350 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है। अभी फिलहाल टीसीएस के कुल कर्मचारियों की संख्या 4.24 लाख और इंफोसिस का 2.28 लाख है।
TCS, Infy have good news for IT professionals https://t.co/lXG2hxXfnN
— TOI Top Stories (@TOITopStories) April 24, 2019
मुंबई स्थित मुख्यालय वाली टीसीएस में 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 29,287 कर्मचारियों की भर्तियाँ की गई, जबकि बेंगलुरू की इंफोसिस ने 24,016 सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स को जॉब पर रखा। वित्त वर्ष 2018-19 में इन दोनों कंपनियों ने 53,303 नए कर्मचारियों को जोड़ा था, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में दोनों कंपनियों ने लगभग 11,500 नए कर्मचारियों की भर्तियाँ की थी। पिछले वित्त वर्ष में टीसीएस ने कुल 7,775 कर्मचारियों को जॉब पर रखा था, तो वहींं इंफोसिस ने कुल 3,743 कर्मचारियों की भर्तियाँ की थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, 2019 में आईटी कंपनियाँ डेटा साइंस, डेटा एनालिसिस, सोल्यूशन आर्किटेक्ट्स, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ब्लॉकचेन और साइबर सिक्युरिटी में विशेषज्ञता रखने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी। टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल भारतीय आईटी उद्योग में करीब 2.5 लाख नई नौकरियाँ पैदा होने की संभावना है।
आईटी क्षेत्र के बड़े कंपनियों में शुमार टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो अपने कर्मचारियों के भविष्य को बेहतर बनाने की तैयारी में है। इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कई आंतरिक प्रशिक्षण (इंटर्नल ट्रेनिंग) भी शुरू किए हैं।