उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही के बीच 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 170 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। मृतकों का आँकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र ने यह जानकारी दी है।
#UPDATE I Seven people have died, six injured and around 170 are missing after the Uttarakhand flood incident today: State Disaster Management Center
— ANI (@ANI) February 7, 2021
Five locals including shepherds with their 180 sheep & goats swept away in the flash flood. We are assuming that around 125 people are missing. The number can be higher: Chief Minister Trivendra Singh Rawat
— ANI (@ANI) February 7, 2021
State government to give financial assistance of Rs 4 lakhs each to the kin of the deceased: Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat. pic.twitter.com/Qr8EBo1BKv
— ANI (@ANI) February 7, 2021
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐलान किया है कि घटना में जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा राज्य सरकार देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आपदा कोष से मृतकों के परिवार के लिए 2-2 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार मुआवजे का ऐलान किया है।
PM Narendra Modi has approved an ex-gratia of Rs. 2 lakh each from PMNRF for the next of kin of those who have lost their lives due to the tragic avalanche caused by a Glacier breach in Chamoli, Uttarakhand. Rs 50,000 would be given to those seriously injured: PMO (File photo) pic.twitter.com/HlkjfeDE9w
— ANI (@ANI) February 7, 2021
16 बचाए गए
सीएम ने कहा कि सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, NDRF, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं। तपोवन स्थित जिन दो सुरंगों में मजदूर फँसे हुए हैं, वहाँ मुस्तैदी से बचाव कार्य चल रहा है। करीब 1 घंटे पहले तक ITBP के जवान रस्सी से सुरंग के अंदर करीब 150 मीटर तक पहुँच पाए थे। ये सुरंग करीब 250 मीटर लंबी है। अभी तक 16 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
#WATCH | Uttarakhand: ITBP personnel rescued all 16 people who were trapped in the tunnel near Tapovan in Chamoli. pic.twitter.com/M0SgJQ4NRr
— ANI (@ANI) February 7, 2021
आईटीबीपी के जनसंपर्क अधिकारी विवेक पांडे ने बताया, “अब हम दूसरी सुरंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो कि सुरंग नंबर एक है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार यहाँ लगभग 30 लोग फँसे हुए हैं। हम रात में भी ऑपरेशन करेंगे। हमारी टीमें पहले से ही काम पर लगी हुई हैं और उम्मीद है कि हम उन्हें जल्द ही बाहर निकाल लेंगे।”
Now we are focusing on second tunnel, that is tunnel number one, we’ve learnt that around 30 people are trapped there. We will be carrying out night operations also. Our teams are already on the job & we hope that we’ll be able to resue them: Vivek Pandey, ITBP PRO #Uttarakhand pic.twitter.com/l9r9trN2T1
— ANI (@ANI) February 7, 2021
सीएम ने कहा कि भारतीय सेना मौके पर पहुँच गई है। एनडीआरएफ की टीम देहरादून पहुँच गई है और चमोली के रूट पर है। डॉक्टरों की टीम भी वहाँ पर पहुँच गई है। इसके साथ ही उपकरणों के साथ 60 एसडीआरएफ कर्मियों की एक टीम मौके पर पहुँच गई है।
Indian Army has reached the spot, a team of NDRF that has reached Dehradun is en route Chamoli. Doctors have camped there. A team of 60 SDRF personnel with equipment have reached the spot: Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/EqzaEztTIS
— ANI (@ANI) February 7, 2021
बचाव दल को लेकर देहरादून पहुँचा सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान
एनडीआरएफ के बचाव दल और हैवी उपकरण को लेकर देहरादून भारतीय वायु सेना का सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान पहुँचा गया है। उत्तराखंड के चमोली में रविवार (फरवरी 7, 2021) को ग्लेशियर टूटने के बाद मची तबाही को देखते हुए तीनों सेनाओं ने अपने-अपने स्तर पर मोर्चा सँभाल रखा है। सेना की टीम सुरंग में फँसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। वायुसेना ने अपने परिवहन विमानों से एनडीआरएफ टीमों को मौके पर पहुँचाया है।
#WATCH: As part of IAF disaster relief Task Force, a C130J Super Hercules transport aircraft landed at the Jolly Grant airport in Dehradun with rescue teams and other heavy equipment on board. pic.twitter.com/4D9Eg2NvmT
— ANI (@ANI) February 7, 2021
पानी के बहाव में आई कमी
मुख्यमंत्री ने बताया, “ग्लेशियर फटने से वहाँ बन रहे बाँध को क्षति पहुँची है। मानव क्षति के बारे में अभी अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। पानी की तीव्रता चमोली तक आते-आते काफी कम हो गई है। पानी खतरे के निशान से नीचे अब हो गया है।”
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है। चमोली जिले के रेणी गाँव के पास ग्लेशियर के टूटने से कई गाँव वालों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। यह ग्लेशियर धौली गंगा नदी के किनारे-किनारे बह रहा है। आपदा से निपटने या किसी जानकारी के लिए या किसी जगह की सूचना के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। 1070 या 9557444486 नंबर पर कॉल कर आप इस संबंध में सूचना ले या दे सकते हैं।
बाढ़ आने के समय 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा प्रोजेक्ट और NTPC की 480 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड प्रोजेक्ट में करीब 176 मजदूर काम कर रहे थे। इनके अलावा, ऋषिगंगा परियोजना में ड्यूटी कर रहे दो पुलिसकर्मी भी लापता हैं। बाढ़ से दोनों हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है।