अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु मुहिम शुरू करने वाले जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि बबलू खान कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं। बबलू खान को धमकियाँ दी जा रही हैं, चेतावनी दी जा रही है कि अपना इरादा बदल लो नहीं तो परिवार सहित उड़ा देगें। लगातार मिल रही धमकियों से बबलू खान का परिवार सहमा हुआ है तो वहीं खान कहते हैं कि वे हिन्दू-मुस्लिम एकता कायम करने एवं राष्ट्र की सुख शांति के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं, चाहे उनकी जान ही क्यों न चली जाए। बताते चलें कि जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि बब्लू खान ने अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के लिए मुहिम छेड़ रखी है।
बबलू खान ने बताया, “23 फरवरी को, 1000 से अधिक मुस्लिमों ने राम मंदिर के समर्पण अभियान में भाग लिया। उसके बाद, हमने भगवान राम की पूजा की और शांति की प्रार्थना की। आजमगढ़ के काशिफ नाम के एक व्यक्ति ने राम मंदिर के नाम पर चंदा माँगने से रोकने के लिए मुझे धमकी दी। उसने कहा कि मैं जो भी कर रहा हूँ वह सही नहीं है और अगर मैंने ऐसा करना बंद नहीं किया, तो फिर मेरे साथ जो भी होगा, उसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी होगी।” बबलू खान ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।
राम मंदिर समर्थक बबलू खान ने बताया कि निधि समर्पण अभियान में बड़ी मात्रा में धन इकट्ठा हुआ, जिसके दर्जनों मुस्लिमों के साथ रामलला के दर्शन किए थे, जिसको लेकर धमकी दी गई है। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले खुद को कॉन्ग्रेस का पदाधिकारी बताने वाले एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर को लेकर अभद्र टिप्पणी की। ट्विटर पर ‘राजाराम कॉन्ग्रेस’ नाम से सक्रिय उक्त व्यक्ति (असली नाम राजाराम वर्मा) ने अपना परिचय उत्तर प्रदेश के हरदोई में कॉन्ग्रेस सेवादल के जिला प्रवक्ता के रूप में दे रखा है।
दरअसल, नई दिल्ली के एक वकील धर्मवीर यादव ने लिखा कि वो राम मंदिर के नाम पर ‘एक फूटी कौड़ी’ तक नहीं देगा। इसी ट्वीट की रिप्लाई करते हुए ‘राजाराम कॉन्ग्रेस’ ने लिखा – “आप फूटी कौड़ी न देने की बात कह रहे हैं। हम तो राम मंदिर पर मू&#गे भी नहीं।” उसकी इस टिप्पणी के बाद लोग आक्रोशित हो गए। कइयों ने उसे समझाया तो कुछ ने हरदोई पुलिस को टैग कर के कार्रवाई की माँग की।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 के नवंबर महीने में देश के सबसे विवादित में से एक जमीन विवाद का निपटारा करते हुए अयोध्या में विवादित स्थान पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग के लिए हरी झंडी दिखाई थी और इसके लिए एक न्यास गठित किया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल खुद अयोध्या पहुँच कर इस भव्य मंदिर की नींव रखी थी।