महाराष्ट्र में जल्द बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है। दरअसल, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर शिवसेना और एनसीपी (NCP) में बयानबाजी ने जहाँ एक ओर राज्य में सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में खटास के संकेत दिए हैं। वहीं, एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को उद्धव सरकार के लिए खतरे की घंटी के रूप में देखा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मुलाकात पर अमित शाह ने यह कहकर सस्पेंस और बढ़ा दिया है कि हर बात सार्वजनिक नहीं की जाती। शाह का यह बयान बहुत कुछ बयाँ करता है। संभव है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति कोई नया मोड़ ले।
बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में बीजेपी के करीबी गुजराती कारोबारी के कॉरपोरेट हाउस पर एनसीपी के दोनों नेताओं शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल की अमित शाह के साथ शुक्रवार शाम को बैठक हुई। हालाँकि, आज पवार के हॉस्पिटल में भर्ती होने को भी कुछ लोग नए अटकलों के रूप में ले रहे हैं तो कुछ इसे सामान्य स्वास्थ्य समस्या ही बता रहे हैं।
इधर , सियासी जानकार शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में देशमुख पर लगाए आरोपों और उन्हें ‘ऐक्सिडेंटल’ गृह मंत्री बताने को इसी मुलाकात के बाद उपजे राजनीतिक द्वंद्व के रूप में देख रहे हैं।
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार (मार्च 28, 2021) को ‘सामना’ में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा कि सचिन वाजे वसूली कर रहा था और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को इसकी जानकारी नहीं थी? NCP के सीनियर नेताओं जयंत पाटिल और दिलीप वलसे पाटिल ने यह पद लेने से इनकार किया था, इसलिए शरद पवार ने देशमुख को गृह मंत्री बना दिया।
सौ सुनार की एक लोहार की ऐसा बर्ताव गृहमंत्री का होना चाहिए
संजय राउत ने आगे लिखा, “अनिल देशमुख ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से बेवजह पंगा लिया। गृहमंत्री को कम से कम बोलना चाहिए। बेवजह कैमरे के सामने जाना और जाँच का आदेश जारी करना अच्छा नहीं है। सौ सुनार की एक लोहार की ऐसा बर्ताव गृहमंत्री का होना चाहिए। पुलिस विभाग का नेतृत्व सिर्फ सैल्यूट लेने के लिए नहीं होता है। वह प्रखर नेतृत्व देने के लिए होता है। प्रखरता ईमानदारी से तैयार होती है, ये भूलने से कैसे चलेगा?”
वहीं, अनिल देशमुख ने बताया कि उन पर लगे भ्रष्टाचार और वसूली से जुड़े आरोप की जाँच अब हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। देशमुख ने कहा, “जो आरोप मुझ पर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने लगाए थे, मैंने उसकी जाँच कराने की माँग की थी। मुख्यमंत्री और राज्य शासन ने मुझ पर लगे आरोपों की जाँच उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज के द्वारा कराने का निर्णय लिया है। जो भी सच है वह सामने आएगा।”
महाराष्ट्र में बिहार पैटर्न दोहराया जा सकता है
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर बम से शिवसेना-एनसीपी की दोस्ती में दरार पड़ती दिखाई दे रही है। इससे न केवल एनसीपी बल्कि शिवसेना की छवि को भी बड़ा झटका लगा है। इस पूरी पिक्चर में कॉन्ग्रेस गायब है। जाहिर है कि शिवसेना अपनी छवि बचाने के लिए इस चक्रव्यूह से निकलना चाहेगी। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र में बिहार पैटर्न दोहराया जा सकता है।
बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़कर भाजपा के साथ वापस सरकार बना ली थी। माना जा रहा है कि शिवसेना एक बार पुन: पूर्व सहयोगी पार्टी भाजपा से हाथ मिला सकती है। ऐसे में कॉन्ग्रेस-राकांपा अलग-थलग पड़ जाएँगे। हालाँकि, होली से एक दिन पहले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर इन अटकलों को और हवा दे दी है।