जम्मू कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट में शामिल शोपियाँ और पुलवामा से भारी हिंसा की खबरे आ रही हैं। इन दोनों जगहों के मतदान केंद्रों पर मतदानकर्मियों के पहुँचते ही पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई, साथ ही पंचायत घर और एक स्कूल में आग तक लगा दी गई। परिस्थितियाँ इतनी अधिक तनावपूर्ण हो गईं कि मतदानकर्मियों को जेनापोरा इलाके से विमान द्वारा दूर ले जाना पड़ा।
शोपियाँ और पुलवामा में हिंसा की घटनाएँ रात से ही खबरों की सुर्खियाँ बनी हुई थीं लेकिन सुबह होते-होते हालात और भी बिगड़ गए। पथराव रोकने के लिए सेना ने आँसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन बिगड़ी स्थितियों पर काबू पाना बहुत मुश्किल था।
#VotingRound5: Major violence in J&K’s Shopian and Pulwama, 38 election officials airlifted. Watch this GROUND REPORT…#AbkiBaarKiskiSarkar pic.twitter.com/qUJUNaSj8I
— Zee News (@ZeeNews) May 6, 2019
जी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक कल जैसे ही पोलिंग स्टाफ़ को पोलिंग का सामान देने की प्रक्रिया शुरू हुई वैसे ही कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन होने लगे जिसमें कई लोग घायल हुए। तनावपूर्ण स्थितियों के कारण शोपियाँ से जेनापुरा इलाके के लिए 38 पोलिंग स्टॉफ को एयरलिफ्ट करना पड़ा।
इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए चल रहे मतदान के बीच आतंकवादियों ने पुलवामा जिले में रोहमू मतदान केन्द्र को निशाना बनाकर वहाँ ग्रेनेड भी फेंका। ये पहला मौक़ा था जब चुनाव के चलते आतंकवादियों ने ऐसा कोई हमला किया हो। हालाँकि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है। ग्रेनेड हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली है।
#BREAKING: पुलवामा के रोहमू में एक पोलिंग बूथ पर ग्रेनेड हमला। अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र के पुलवामा और शोपियां के अधिकांश संवेदनशील इलाकों में मतदान जारी है। रोहमु में सरकारी मिडिल स्कूल पर ग्रेनेड विस्फोट। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। विस्फोट के बाद भी मतदान जारी है।
— @ArjunChander?? (@ArjunChander127) May 6, 2019
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले दक्षिण कश्मीर के नौगाम में आतंकवादियों ने भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गुल मोहम्मद मीर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। शनिवार (4 मई) को हुए इस हत्याकांड को उन्हीं के घर में अंजाम दिया गया। सीने और पेट में गोलियाँ लगने के बाद मीर को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित किया गया। यह हत्याकांड ठीक उसी समय हुआ था, जब कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दहशतगर्दों से रमजान के महीने में दहशतगर्दी और हिंसा न करने की अपील की थी।