सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर झूठ बोलने वाले राहुल गाँधी आज उसी सुप्रीम कोर्ट के सामने ‘गिड़गिड़ाते’ नज़र आए। राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में ‘चौकीदार चोर है’ वाला बयान दिया था और इसे एक तरह से अपनी पार्टी का चुनावी नारा बना दिया था। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेता तक, सभी ने इस नारे को हाथोंहाथ लिया और लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने इस नारे के सहारे वैतरणी पार करने की ठानी। प्रियंका गाँधी ने तो एक क़दम और आगे बढ़ कर बच्चों तक से ये नारे लगवाए। अब राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने इस बयान के लिए ‘बिना शर्त माफ़ी‘ माँगी है। इससे पहले वह सुप्रीम कोर्ट में इस बयान के लिए ख़ेद प्रकट कर चुके थे, जिसे अदालत ने नाकाफ़ी माना था।
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर राहुल ने माफ़ी माँगते हुए इस मामले को बंद करने की अपील की है। उन्होंने अपने ख़िलाफ़ अवमानना मामले को खत्म करने का निवेदन किया है। इस बारे में अगली सुनवाई की तारीख़ 10 मई को मुक़र्रर की गई है। राहुल गाँधी ने बयान दिया था, “अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है।” इसी पर राहुल गाँधी ने माफ़ी माँगते हुए अपने हलफनामे में कहा,
“मैं माननीय उच्चतम न्यायालय का सबसे ज़्यादा सम्मान करता हूँ और इज़्ज़त करता हूँ। मैंने कभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं किया है और न ही कभी ऐसी मंशा ज़ाहिर की है। मैं माननीय उच्चतम न्यायालय का ग़लत हवाला देने के लिए बिना शर्त माफ़ी माँगता हूँ। साथ ही मैं माननीय उच्चतम न्यायालय को यह भी बताना चाहता हूँ कि ये बयान ग़ैर-इरादतन, अनजाने में असावधानी से दिया गया था। मैं आग्रह करता हूँ कि कृपया मेरी क्षमा प्रार्थना स्वीकार की जाए और मेरे ख़िलाफ़ चल रहे अवमानना मामले को बंद कर दिया जाए।”
“The Deponent unconditionally apologises for the wrongful attributions to this Hon’ble Court. The Deponent further states that any such attributions were entirely unintentional, non-willful and inadvertent”-@INCIndia President before the Supreme Court in @M_Lekhi v @RahulGandhi
— Bar & Bench (@barandbench) May 8, 2019
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के इस बयान को लेकर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद यह सुनवाई प्रारम्भ हुई। जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने 15 अप्रैल को इस मामले के दाखिल किए जाने के बाद राहुल गाँधी को उनका बयान स्पष्ट करने का आदेश देते हुए कहा था कि अदालत ने कभी भी ऐसा (चौकीदार चोर है) नहीं कहा। इसके बाद राहुल गाँधी ने बहाना मारा था कि लगातार चुनाव प्रचार के कारण अचानक से उनके मुँह से ऐसा निकल गया था।
You can run but you can’t hide! Rahul Gandhi finally apologises to the SC for his irresponsible remarks. Justice is a great leveller and Pinocchio’s story is a great reminder! #maafkarosarkar
— Chowkidar Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) May 8, 2019
इस मामले में राहुल गाँधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इससे पहले अदालत को बताया था कि राहुल अपने ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर कायम हैं लेकिन इसमें सुप्रीम कोर्ट के नाम लेने के लिए खेद प्रकट करते हैं। मीनाक्षी लेखी ने राहुल द्वारा माफ़ी माँगने के बाद कहा था कि आप भाग सकते हैं लेकिन आप बच नहीं सकते। उन्होंने ‘माफ़ करो सरकार’ हैशटैग का प्रयोग करते हुए ट्विटर पर राहुल को घेरा था।