महाराष्ट्र में कोराना संक्रमण का प्रकोप और सियासी पारा बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच, शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें कहीं कोरोना वायरस मिल जाता, तो वह उसे भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के मुँह में डाल देते।
बताया जा रहा है कि रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाली एक दवा कंपनी के शीर्ष अधिकारी से दवा की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस ने पूछताछ की है। इसे लेकर ठाकरे सरकार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साध रही है। वहीं कॉन्ग्रेस समर्थक और बेबाकी से फेक न्यूज फैलाने में माहिर साकेत गोखले ने आज राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल के साथ मिलकर देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ रेमडेसिविर स्टॉक की जमाखोरी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।
#RTI activist Saket Gokhale has filed a complaint with #DilipWalsePatil Home Minister of #Maharashtra in connection with the illegal hoarding of #Remdesivir procured through #BruckPharma by former Chief Minister #DevendraFadanvis and #BJP @SaketGokhale pic.twitter.com/s3uqnSnfgZ
— Bar & Bench (@barandbench) April 19, 2021
मीडिया से बातचीत में बुलडाना से विधायक गायकवाड से पूछा गया था कि कोराना महामारी के इस दौर में अगर फडणवीस मुख्यमंत्री होते तो वह क्या करते? इस पर गायकवाड भड़क गए और कहा , “राज्य के मंत्रियों का समर्थन करने के बजाय भाजपा नेता उनका मजाक बना रहे हैं। वे सोच रहे हैं कि किस तरह प्रदेश सरकार को विफल किया जा सकता है।” गायकवाड ने आगे कहा, “अगर मुझे कोरोना वायरस मिल जाता, तो मैं उसे देवेंद्र फडणवीस के मुँह में डाल देता।”
गायकवाड ने आरोप लगाया कि फडणवीस, भाजपा नेता प्रवीण दारेकर और चंद्रकांत पाटिल रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण को लेकर तुच्छ राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने महाराष्ट्र की रेमडेसिविर निर्माता कंपनियों से कहा है कि वे राज्य में दवा की आपूर्ति नहीं करें। गायकवाड की टिप्पणी के विरोध में रविवार को बुलडाना में कई स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए और विधायक के पुतले जलाए।
बता दें कि साकेत गोखले ने बेबुनियाद ट्वीट्स की सीरीज में आरोप लगाया था कि भाजपा ने महाराष्ट्र में अपने पार्टी कार्यालय में 4.75 करोड़ रुपए की रेमडेसिविर (Remdesivir) की जमाखोरी की है। गोखले ने यह आरोप मुंबई पुलिस द्वारा शनिवार को दमन स्थित ब्रुक फार्मा कंपनी के रेमडेसिविर सप्लायर को हिरासत में लेने और सवाल पूछे जाने के बाद लगाया था। बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने कंपनी से रेमडेसिविर को महाराष्ट्र में लोगों को आपूर्ति करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर को हिरासत में ले लिया था। हालाँकि, देवेंद्र फडणवीस द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद उसे रिहा कर दिया गया।
गोखले ने सवाल किया था कि कैसे देवेंद्र फडणवीस जैसे ‘निजी व्यक्ति’ गुजरात से रेमडेसिविर का स्टॉक खरीद सकते हैं, जब बिक्री केवल सरकार को करने की अनुमति है? वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “चार दिन पहले, हमने ब्रुक फार्मा को महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि वे अनुमति नहीं दे सकते थे। मैंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से बात की और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से रेमडेसिविर सप्लाई के लिए अनुमति ली, जिसके बाद अप्रैल 17, 2021 लगभग नौ बजे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।”
क्या है मामला
रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाली एक दवा कंपनी के शीर्ष अधिकारी से दवा की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा पूछताछ करने के मामले में महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साध रही है। प्रदेश की महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री नवाब मलिक के उस बयान पर भी हंगामा बरपा हुआ है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र की तरफ से कुछ रेमडेसिविर सप्लायर पर दवाब बनाया जा रहा है।