Tuesday, May 7, 2024
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‘मुस्लिम वोट ले गई TMC, अब लगता है मैं भी सांसद नहीं रहूँगा’: बंगाल में 44 से 0 होने पर बोले कॉन्ग्रेस के अधीर रंजन

एक इंटरव्यू में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि परिस्थितियाँ इसी ओर इशारा कर रही है कि वे अब 'पूर्व सांसद' ही हो जाएँगे। साथ ही कहा कि कॉन्ग्रेस को फेसबुक-ट्विटर छोड़ सड़क पर उतरना होगा।

पश्चिम बंगाल में हार के बाद जहाँ राहुल गाँधी ने TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी को बधाई दी थी, वहीं अब वहाँ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है। बंगाल में भाजपा भले 3 से 77 सीटों पर पहुँच गई कॉन्ग्रेस शून्य पर सिमट गई। 2016 में पश्चिम बंगाल में कॉन्ग्रेस के पास 44 सीटें थीं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपनी पार्टी की इस दुर्गति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सारे मुस्लिम वोट TMC के खाते में चले गए, इसीलिए उनकी पार्टी की हार हुई। उन्होंने राज्य में अपने गठबंधन साथी लेफ्ट पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उसने अपने वोट तृणमूल कॉन्ग्रेस को ट्रांसफर कर दिए। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस के पिछड़ने के यही 2 कारण हैं। उन्होंने ये भी कहा कि इस चुनाव में कॉन्ग्रेस का कुछ भी दाँव पर नहीं था।

उन्होंने कहा कि जहाँ TMC अपनी सत्ता को बचाए रखना चाहती थी, भाजपा ने सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। बकौल अधीर रंजन चौधरी, कॉन्ग्रेस तो सिर्फ अस्तित्व के लिए लड़ रही थी। उन्होंने भाजपा पर मतों के ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन वो सफल नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे इलाकों में मुस्लिम ध्रुवीकरण हुआ है।

अधीर रंजन चौधरी ने सीतलकूची की उस घटना का भी जिक्र किया, जहाँ अर्धसैनिक बलों द्वारा आत्मरक्षार्थ की गई फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि ये चारों ही मुस्लिम थे, जिसके बाद ध्रवीकरण और तेज़ हुआ। उन्होंने TMC पर इन घटनाओं से फायदा उठाने का आरोप लगाया और कहा कि महिलाओं और मुस्लिमों ने ममता बनर्जी पर भरोसा किया। उन्होंने माना कि लेफ्ट के वोटों का एक हिस्सा TMC को ट्रांसफर हुआ है।

कॉन्ग्रेस ने इस चुनाव में लेफ्ट और मौलाना अब्बास अली की ISF के साथ गठबंधन किया था। अधीर रंजन ने कहा कि अब तक मुख्यतः मुस्लिम वोट कॉन्ग्रेस को ही मिलते आए थे। उन्होंने कहा कि जब हिन्दू वोट भाजपा को और मुस्लिम वोट ममता को चले गए तो हमारे लिए कुछ बचा ही नहीं। उन्होंने माना कि कॉन्ग्रेस इस चुनाव में जनता को कुछ प्रस्ताव या विजन देने में असफल रही। उन्होंने कहा कि ये इतनी बुरी हार है कि हमारे पास भविष्य के लिए कोई योजना ही नहीं है।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए इंटरव्यू में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस स्थिति में उन्हें भी ‘पूर्व सांसद’ कहा जा सकता है, क्योंकि परिस्थितियाँ इसी ओर इशारा कर रही है कि वो अब ‘पूर्व सांसद’ ही हो जाएँगे। हालाँकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि नरेंद्र मोदी सरकार की विश्वसनीयता गिरने के साथ ही सब कुछ ठीक होगा। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस फेसबुक-ट्विटर छोड़ सड़क पर नहीं उतरी तो ये मौका भी चला जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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