राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े कथित जमीन विवाद पर विरोधी दल लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सवाल खड़ा करके मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने बड़ा खुलासा किया है। महंत ने बताया कि कई राजनैतिक दलों ने उनसे भाजपा का विरोध करने के लिए संपर्क किया था। इसके लिए उन्हें करोड़ों रुपए भी ऑफर किए गए थे।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने गुरुवार (जून 17, 2021) को एक पत्र जारी कर कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन खरीद में घोटाला नहीं हुआ है। सभी आरोप राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) , समाजवादी पार्टी और कॉन्ग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें ट्रस्ट व बीजेपी का विरोध करने के लिए करोड़ों का ऑफर दिया गया।
अपने पत्र में महंत ने बताया कि आज सुबह 7 बजे उनके पास दो व्यक्ति आए थे और उन्हें ट्रस्ट और बीजेपी का विरोध करने के लिए 100 करोड़ का ऑफर दिया था। लेकिन जब वह इसके लिए नहीं माने तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाने तक का लालच दिया गया।
वह कहते हैं, “जब मैं नहीं माना तो मुझसे कहा गया कि आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस की जीत पर प्रदेश का मुख्यमंत्री आपको ही बनाया जाएगा। जब मैंने कहा कि मैं एक संत हूँ और राष्ट्रहित सर्वोपरि है तो वे चले गए। दोनों आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस के द्वारा भेजे गए थे।”
महंत परमहंसदास ने कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कॉन्ग्रेस ने खरीद लिया है। अब उनके अनुयायी ट्रस्ट और बीजेपी के विरोध में भी जुट गए हैं।
बता दें कि आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस द्व्रारा राम मंदिर ट्रस्ट पर लगाए गए आरोपों पर इससे पहले शारदा पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी और रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा था कि भगवान श्री राम के नाम पर ट्रस्ट बनाया गया है। उसका उद्देश्य राम जी के आदर्शों की स्थापना है। विवाद पर शीघ्र से शीघ्र निष्पक्ष लोगों की जाँच कमेटी बनाई जाए और जब तक जाँच चले जिन लोगों पर आरोप लगा है उनको हर तरह के दायित्व से मुक्त कर दिया जाए।
अविमुक्तेश्वरानंदनंद सरस्वती ने सीधे तौर पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और ट्रस्टी अनिल मिश्रा पर निशाना साधते हुए कहा, “जिन्होंने गवाही दी है, जिन्होंने रजिस्ट्री कराई है उन दोनों को तुरंत सस्पेंड कर देना चाहिए। जब तक ये निर्दोष साबित नहीं तब तक हर तरह के दायित्व से मुक्त कर दिया जाना चाहिए। बात निकली है तो बड़ी दूर तलक जाएगी।”
गौरतलब है कि AAP सांसद संजय सिंह और पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक भूमि सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद ट्रस्ट ने पूरे मामले पर अपना स्पष्टीकरण जारी किया था। अपने ऊपर लगाए जा रहे निराधार आरोपों को खारिज करते हुए ट्रस्ट ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से भूमि सौदे का विवरण साझा किया था।
Facts about land purchase deal done by Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Trust in Bagh Bijaisi, Ayodhya. pic.twitter.com/NROXgDqCFW
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) June 15, 2021