डिस्क्लेमर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने आज (1 सितम्बर, 2021) को जारी अपने बयान में घाटी से 60 लड़कों के गायब होने की खबर को भ्रामक और झूठा बताते हुए ख़ारिज कर दिया है। तो नई सूचनाओं के आधार पर यहाँ डिस्क्लेमर देते हुए हम एक दूसरी रिपोर्ट में पूरी बात रख रहे हैं।
Some #SocialMedia platforms are running that 60 youth have gone #missing from different parts of the #Kashmir Valley amid the taliban takeover of Afghanistan. This is totally #fake news: IGP Kashmir@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) September 1, 2021
अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के आने और वहाँ से अमेरिकी सैनिकों के जाने का असर जम्मू-कश्मीर में भी दिखने लगा है। घाटी में छिपे हुए आतंकियों के सक्रिय होने से भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया एजेंसियों का कहना है कि कम से कम 6 आतंकियों के समूहों ने बड़े टारगेट को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की है। ऐसा बताया जा रहा है इन आतंकियों के निशाने पर कुछ बड़े प्रतिष्ठान या लोग हो सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक 25 से 30 आतंकी ऐसे हैं, जिनकी पड़ताल खुफिया एजेंसियाँ कर रही हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर घाटी से 60 लड़कों के गायब होने से भी सुरक्षा एजेंसियाँ चौकन्ना हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ये लोग बीते कुछ महीनों में ही गायब हुए हैं और इन्हें लेकर यह आशंका जताई जा रही है कि ये किसी आतंकी संगठन या फिर तालिबान से ही जुड़ गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया जमीनी स्तर के सबूतों पर अगर ध्यान दें तो पता चलता है कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद जम्मू-कश्मीर में पिछले एक महीने में ही हिंसा की घटनाओं में अचानक से बढ़ोतरी हुई है।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, “बीते एक महीने से हर दिन कोई न कोई हमला होता है। चाहे यह अटैक सिक्योरिटी फोर्सेज पर हो या फिर राजनीतिक नेताओं पर हो रहा हो।” पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन लॉन्च पैड में भी आतंकी गतिविधियाँ बढ़ी हैं, जहाँ फरवरी में हुए सीजफायर के बाद से ऐसी कोई हलचल नहीं थीं। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि कम से कम 300 आतंकियों ने एक बार फिर से लाइन ऑफ कंट्रोल के आसपास के कैंपों में डेरा जमा लिया है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इसे लेकर सुरक्षाबल पूरी तरह मुस्तैद हैं।
NDTV के अनुसार, कश्मीर के टॉप पुलिस अधिकारी विजय कुमार ने मीडिया को बताया कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू कश्मीर में कम से कम 60 युवा अपने घरों से बहाने करके निकले और लापता हो गए हैं। ये लोग यह कहकर गए थे कि वे किसी काम से बाहर जा रहे हैं, लेकिन अब गायब है। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह बड़ी चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के सभी मिसगाइडेड युवाओं से अपील कर रहे हैं कि वे हिंसा छोड़ें और मुख्यधारा में वापसी करें।
गौरतलब है कि बीते करीब दो सप्ताह से तालिबान को बधाईयाँ देने वाले और तालिबान के जीत का जश्न मनाने वाले संदेश भी सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं। इससे भी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियाँ चौकन्ना हैं। जम्मू-कश्मीर में बीते 15 दिनों में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा करीब 10 अलर्ट जारी किए जा चुके हैं। मालूम हो कि 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया था। उसके बाद से ही यह माना जा रहा है कि तालिबान का समर्थन करने वाले और भारत पर निशाना साधने वाले लोग एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं।
बता दें कि हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो से जम्मू-कश्मीर का पाक अधिकृत हिस्सा फिर से चर्चा में आ गया है। इस वीडियो में तालिबान के साथ लड़ने के लिए अफगानिस्तान गए कुछ आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर वापस आ गए हैं। वीडियो से पता चलता है कि पीओके में उनका हीरो जैसा स्वागत हुआ। सुरक्षा एजेंसियाँ इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अलर्ट हैं, वे लगातार सोशल मीडिया देख रहे हैं ताकि ऐसे वीडियो पर नजर रख सकें। ये वीडियो क्लिप भी कश्मीरी लड़कों को आतंक का रास्ता अपनाने को प्रेरित करते हैं।