Sunday, September 8, 2024
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‘जो कौम अपने इतिहास व परंपराओं को भूला देती है, वह अपने भूगोल की भी रक्षा नहीं कर पाती’: दादरी में CM योगी

''राजा मिहिर भोज नौंवी सदी के एक महान धर्मरक्षक थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं के छक्के छुड़ा दिए थे। मैं उनको नमन करता हूँ, जो कौम अपने इतिहास व परंपराओं को विस्मृत कर देती है, वह अपने भूगोल की भी रक्षा नहीं कर पाती।''

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (22 सितंबर 2021) को गौतमबुद्ध नगर में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया। इस बीच ग्रेटर नोएडा में सम्राट मिहिर भोज के वंशज होने का दावा करने वाले राजपूत और गुर्जरों के बीच गतिरोध लगातार जारी रहा।

इस दौरान सीएम योगी ने दादरी विधानसभा की 12 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया। यहाँ उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ”राजा मिहिर भोज नौंवी सदी के एक महान धर्मरक्षक थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं के छक्के छुड़ा दिए थे। मैं उनको नमन करता हूँ, जो कौम अपने इतिहास व परंपराओं को विस्मृत कर देती है, वह अपने भूगोल की भी रक्षा नहीं कर पाती।”

उन्होंने कहा, “महापुरुषों को कभी जातीय सीमाओं में कैद नहीं करना चाहिए। उनका महान बलिदान किसी व्यक्ति या परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए होता है। माँ पन्ना धाय ने अपने पुत्र का बलिदान देकर महाराणा को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया था। उनके इस महान त्याग पर सिर्फ गुर्जर समाज को नहीं, अपितु संपूर्ण भारत को गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “तालिबानियों जैसे मजहबी अराजक तत्व पूरी मानव-जाति के लिए खतरा हैं। यदि ‘राष्ट्रधर्म’ पर आँच आई तो कोई व्यक्ति, जाति या मजहब सुरक्षित नहीं रहेगा। यदि किसी को लगता है कि देश की सुरक्षा खतरे में आ जाए तब भी वह सुरक्षित रह लेगा, तो यह उसकी गलतफहमी होगी। इतिहास में हुई लीपापोती को अब मिटाया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि राजा माहिर भोज का इतिहास पढ़ने पर पता चलता है कि उनके शासन के बाद डेढ़ सौ वर्षों तक कोई भी आक्रांता यहाँ आँख उठाने की हिम्मत नहीं कर सका। ये सुरक्षा का भाव राजा मिहिर भोज ने दिया था। वो एक शिवभक्त थे। आप इतिहास को पढ़िए, पानीपत के युद्ध के बारे में पढ़िए। उस समय भारतीय सेना संगठित न होने के कारण विदेशी आक्रांता सेंध लगा जाते थे।

सीएम योगी ने कहा, “4 साल पहले का समय पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग नहीं भूल सकते। यहाँ कांवड़ यात्रा नहीं निकालने दी जाती थी। दुर्गा पूजा उत्सव नहीं मनाने दिया जाता था। आप 5 अगस्त 2020 की तारीख याद करिए कैसे भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है, जो भव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है। हर भारतीय गर्वित महसूस करता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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