उत्तर प्रदेश समेत देशभर में कट्टरपंथी इस्लामिक धर्मान्तरण के मामले में आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। रविवार को हुई इस गिरफ्तारी को लेकर जाँच एजेंसी ने कहा है कि आरोपित धर्मान्तरण कराने के साथ ही विदेशों से हवाला के जरिए वित्त पोषण कर रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, एटीएस ने इसको लेकर एक बयान में कहा है कि ये लोग अवैध धर्मान्तरण कराने के साथ हवाला के जरिए फंडिंग हासिल की थी। जाँच एजेंसी ने दो आऱोपित मोहम्मद इदरीस औऱ मोहम्मद सलीम को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से और महाराष्ट्र के नासिक के रहने वाले कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया है।
इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने कहा, “योगीजी के राज में निरंतर चालू है एटीएस, वही सदैव आपकी सेवा में तत्पर है।”
योगीजी के राज मे निरंतर चालू है ATS 😊 वही सदैव आपकी ‘सेवा’ में तत्पर वाली 😊 pic.twitter.com/bAnJYuPS5e
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) September 26, 2021
इससे पहले बीते रविवार को एटीएस ने बुधवार (22 सितंबर, 2021) को अवैध धर्मान्तरण मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था। भारत के सबसे बड़े धर्मान्तरण गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एटीएस ने यह गिरफ्तारी मेरठ से की थी। पुलिस ने बताया कि मौलाना जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाता है, जो कई मदरसों को फंड देता है। इसके लिए उसे विदेशों से भारी फंडिंग मिलती है। मौलाना को पूछताछ के लिए मेरठ से लखनऊ लाया गया है। यूपी एटीएस ने कलीम के साथ ही उसके तीन सहयोगी मौलानाओं और ड्राइवर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
इसी सिलसिले में जून में एटीएस ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में ए़टीएस की टीम ने धर्मान्तरण कराने वाले दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया था। इसमें से एक उमर गौतम पहले हिंदू ही था। वह करीब 30 साल पहले धर्मान्तरण कर मुस्लिम बन गया था। इसके बाद से ही वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहा था। यहीं से धर्मान्तरण का सारा खेल खेला जाता है।