उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत, हत्या है या हादसा इसका खुलासा करने के लिए कानपुर से आई पुलिस की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) शनिवार (2 अक्टूबर 2021) को घटनास्थल पर पहुँची। मनीष की मौत के बाद सील किए गए होटल कृष्णा के कमरा नंबर 512 में पहुँचकर SIT द्वारा वहाँ क्राइम सीन रिक्रिएट किया गया।
बताया जा रहा है कि एसआईटी 2 अक्टूबर को शाम 4 बजे रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस पहुँची थी। यहाँ उसने 10:30 बजे तक यानी 6:30 घंटे जाँच-पड़ताल की। इस दौरान टीम ने सीसीटीवी फुटेज को भी खँगाला। सीसीटीवी फुटेज के जरिये एसआईटी ने जानने की कोशिश की कि मनीष गुप्ता के 27 सितंबर 2021 को हाेटल पहुँचने के बाद कमरे में कब पहुँचे, दोस्तों के साथ खाना खाने के बाद कब लौटे, रामगढ़ताल पुलिस रात में कितने बजे होटल पहुँची, कमरे में कितनी देर रही, किस स्थिति में मनीष और उनके दोस्तों को कमरे से लेकर बाहर लाया गया।
इसके बाद मामले की जाँच कर रही गोरखपुर क्राइम ब्रांच की एसआईटी, एसपी क्राइम डॉ. एमपी सिंह, सीओ कैंट श्यामदेव बिंद को होटल में बुलाकर चार दिन में हुई छानबीन और कार्रवाई की जानकारी भी ली गई। घटना के बाद जुटाए गए सबूतों को देखने के बाद ही सबका बयान दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि CM योगी ने इस मामले में सभी दागी पुलिसकर्मियों पर जाँच बिठाकर उन्हें बर्खास्त करने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था, “2 दिन पहले गोरखपुर में एक दुखद घटना घटी थी। मैंने उसी दिन गोरखपुर पुलिस को कहा था कि तत्काल मुकदमा दर्ज़ होना चाहिए और दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा। अपराधी, अपराधी होता है। मैंने यहाँ के ज़िला प्रशासन को कहा था कि मैं पीड़ित परिवार से मिलना चाहूँगा।” इस मामले में मनीष की पत्नी मीनाक्षी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली थीं और बहुत हद तक उनके दिए आश्वासन और त्वरित कार्रवाई से संतुष्ट नजर आई थीं।