Sunday, December 22, 2024
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300 कश्मीरी पंडित 30 साल बाद करेंगे माँ खीर भवानी की पूजा, सरकार उठाएगी खर्च

जम्मू-कश्मीर भवन से जत्था 10 जून को होने वाले माता खीर भवानी के ज्येष्ठ अष्टमी पूजन के लिए रवाना होगा। आने वाले सभी यात्रियों का ख़र्च और उनकी सुरक्षा का पूरा ज़िम्मा राज्यपाल उठाएँगे।

आतंकवाद की वजह से घाटी को छोड़ने को मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों के लिए एक ख़ुशख़बरी है कि उन्हें फिर से अपनी मिट्टी से जुड़ने का मौक़ा मिला। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर के पास खीर भवानी माँ के दर्शन के लिए 300 कश्मीरी पंडितों को न्योता दिया है। कुछ लोगों के लिए यह न्योता किसी सपने से कम नहीं है, तो वहीं कुछ लोगों के लिए यह घर वापसी जैसा है।

ख़बर के अनुसार, 7 लाख कश्मीरी पंडितों के लिए 19 जनवरी 1990 का दिन कभी न भूलने वाला दिन है। क़रीब 30 साल पहले कश्मीर से विस्थापित हुई दीपिका भान का कहना है कि भले ही यह उनके लिए घर वापसी का कारण न हो, लेकिन उम्मीद की किरण तो जगी है। उन्होंने कहा कि माँ भवानी का दर्शन करना बेहद ख़ुशी का पल है। इस आध्यात्मिक यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कश्मीर की युवा पीढ़ी ने कश्मीरी पंडितों की परम्पराओं को नहीं देखा, क्योंकि उन्हें कभी साथ रहने का मौक़ा मिला। दीपिका ने इस बात पर संशय ज़ाहिर किया कि पता नहीं लोग उनके साथ कैसा व्यवहार करेंगे।

जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर भवन से जत्था 10 जून को होने वाले माता खीर भवानी के ज्येष्ठ अष्टमी पूजन के लिए रवाना होगा। आने वाले सभी यात्रियों का ख़र्च और उनकी सुरक्षा का पूरा ज़िम्मा राज्यपाल उठाएँगे। लगभग एक हफ़्ते की यात्रा में यह सभी यात्रीगण राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ख़ास मेहमान होंगे। सुरक्षा की बात की जाए तो छ: वॉल्वो बसों में यात्रियों की सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं। राज्य सरकार को यात्रियों की सूची पहले ही सौंपी जा चुकी है। इस यात्रा में सभी मेहमानों की खीर भवानी के अलावा हरि पर्वत श्रीनगर, शंकराचार्य मंदिर होते हुए 13 जून को दिल्ली वापसी होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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